TIO, नई दिल्ली

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले पर चर्चा करने और सामूहिक संकल्प जताने करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने का अनुरोध किया है। पिछले सप्ताह हुए इस नृशंस हमले के बाद कई विपक्षी सांसदों ने सरकार से ऐसी ही मांग की है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे। हमले से पूरा देश दुखी और आक्रोशित है।

भारत ने इस भयावह घटना के लिए सीमा पार संबंधों का हवाला दिया है और हमले में शामिल लोगों को कड़ी सजा देने का वादा किया है। प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में खरगे ने कहा, ‘इस समय जब एकता और एकजुटता जरूरी है, विपक्ष का मानना है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाना जरूरी है।’

खरगे-राहुल ने क्या कहा?
राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि यह 22 अप्रैल को पहलगाम में निर्दोष नागरिकों पर हुए क्रूर आतंकी हमले से निपटने के लिए हमारे सामूहिक संकल्प और इच्छाशक्ति का एक शक्तिशाली प्रदर्शन होगा। हमें उम्मीद है कि सत्र तदनुसार बुलाया जाएगा। राहुल ने पत्र में कहा, ‘इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना होगा कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं।’

बीते दिन पीएम मोदी पर साधा था निशाना
हालांकि, कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी पर अपने हमले जारी रखे हैं। सोमवार को राजस्थान में पार्टी की एक रैली में उन्होंने पहलगाम हमले पर सर्वदलीय बैठक में शामिल न होने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था और भाजपा पर देश में विभाजन पैदा करने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा था कि संकट की इस घड़ी में सभी लोग एक साथ लड़ना चाहते हैं, लेकिन भाजपा जहर फैलाना और लोगों को बांटना चाहती है।

जयराम रमेश ने साझा किया पत्र
पार्टी महासचिव, संचार प्रभारी, जयराम रमेश ने एक्स पर पत्र साझा करते हुए कहा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कल रात प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमलों से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने हेतु संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र यथाशीघ्र बुलाया जाए।’

कांग्रेस नेताओं के विवादित बयानों से घिरी कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं के बेतुके बयानों की वजह से भाजपा के निशाने पर है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के ‘पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध नहीं…’ वाली टिप्पणी के बाद कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आतंकी हमलों पर विवादास्पद बयान दिया। महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को पीड़ितों के बयान पर सवाल उठाया। पीड़ितों ने कहा था कि आतंकवादियों ने गोलीबारी करने से पहले उनसे उनका धर्म पूछा था।

कांग्रेस विधायक ने कहा कि सरकार को पहलगाम आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। वे कह रहे हैं कि आतंकवादियों ने लोगों से उनके धर्म के बारे में पूछकर उन्हें मार डाला। क्या आतंकवादियों के पास यह सब करने का समय है? कुछ लोग कहते हैं कि ऐसा नहीं हुआ। आतंकवादियों की कोई जाति या धर्म नहीं होता। जिम्मेदार लोगों की पहचान करें और उचित कार्रवाई करें। यह देश की भावना है।

इससे पहले कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि आतंकियों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा। उन्होंने कहा था, ‘जो व्यक्ति गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा। व्यावहारिक रूप से सोचें। वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा।’

सिद्धारमैया ने क्या कहा था?
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कश्मीर घाटी में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा मजबूत करने की वकालत की थी। सिद्धारमैया ने कहा था कि इस घटना में सुरक्षा चूक हुई है। हम युद्ध के पक्ष में नहीं हैं। कश्मीर क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को कड़ा करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। केंद्र सरकार को कश्मीर में शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बढ़ानी चाहिए।

भाजपा ने साधा निशाना
सिद्धारमैया के बयानों पर भाजपा ने निशाना साधा। पार्टी सांसद संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा बोल रही है। कांग्रेस को सिद्धारमैया और तिम्मापुर को निष्कासित कर देना चाहिए, लेकिन कांग्रेस ऐसा नहीं करेगी, क्योंकि यह कांग्रेस का असली चेहरा है। राहुल गांधी ने सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगा था। उन्होंने कहा, ‘आज राहुल गांधी, सिद्धारमैया और तिम्मापुर के बयान पाकिस्तानी टीवी पर प्रसारित हो रहे हैं। पाकिस्तान उन्हें अपना हमदर्द मानता है।’

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER