TIO, वॉशिंगटन

2008 के मुंबई आतंकी हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा सैकड़ों लोग घायल हुए थे। इस हमले में कई पुलिसकर्मी शहीद हुए थे, जिसमें मुंबई पुलिस के तीन बड़े अधिकारी भी शामिल थे। पाकिस्तान से आए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने इस भीषण हमले को अंजाम दिया था। तहव्वुर राणा इस साजिश के मुख्य षड्यंत्रकारियों में से एक है। इनमें से एक आतंकी अजमल कसाब को जिंदा भी पकड़ा गया था, जिसे साल 2012 में फांसी दे दी गई।

अमेरिकी न्याय विभाग ने खुलासा किया कि आतंकी राणा ने 26/11 आतंकी हमले के तुरंत बाद मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली से कहा था कि भारतीय इसी के लायक थे। उसने मुंबई हमलों में सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए लश्कर-ए-ताइबा के नौ आतंकियों की तारीफ की थी। कहा था, सभी को पाकिस्तान का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए।

न्याय विभाग ने कहा, दो साल से अधिक समय तक हेडली शिकागो में राणा से बार-बार मिला और लश्कर की गतिविधियों, मुंबई हमले की साजिशों पर बातचीत की। अमेरिकी न्याय विभाग ने राणा की हेडली के साथ इंटरसेप्ट की गई बातचीत के हवाले से यह खुलासा किया है।

जांच में सहयोग नहीं कर रहा राणा
एनआईए ने शुक्रवार को राणा से नई दिल्ली स्थित मुख्यालय पर पूछताछ की। एजेंसी के अनुसार राणा सहयोग नहीं कर रहा है। हिरासत के दौरान एजेंसी रोजाना राणा से पूछताछ की डायरी तैयार करेगी। अंतिम चरण की पूछताछ के बाद इसे पूरे मामले के खुलासे के रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।

कई राज उगलवाने बाकी : राणा ने जिन शहरों की रेकी की, वहां होगी पूछताछ
आतंकी राणा ने हमले से पहले जिन शहरों का दौरा किया था, जांच एजेंसी उसे उन्हीं स्थानों पर ले जाकर पूछताछ करेगी। उम्मीद है इससे अहम सुराग मिलेंगे।
राणा 13 से 21 नवंबर, 2008 के बीच पत्नी समराज अख्तर के साथ उत्तर प्रदेश के हापुड़ व आगरा, दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई गया था। शक है कि इसके पीछे देश के अन्य स्थानों को भी निशाना बनाने की साजिश थी।
राणा से पाकिस्तान के आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा और आईएसआई के साथ संबंधों पर भी पूछताछ होगी।

न्याय का दिन आ गया
हमने मुंबई हमले की साजिश रचने के आरोपों का सामना करने के लिए राणा को भारत प्रत्यर्पित किया है। भारत के साथ हमने मारे गए 166 लोगों के इन्साफ के लिए अरसे तक आवाज उठाई। मृतकों में छह अमेरिकी भी थे। खुशी है कि इन्साफ का दिन आ गया।
-मार्को रुबियो, विदेश मंत्री, अमेरिका

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER