TIO, रियाद
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर पाकिस्तान पर बड़ा हमला बोला है। ओवैसी भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं। उन्होंने सऊदी अरब की यात्रा के दौरान रियाद में कहा कि आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस डाला जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि आतंकवादी संगठनों को पाकिस्तान में प्रशिक्षित किया जा रहा है। वे भारत में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ओवैसी ने एक तस्वीर की ओर भी इशारा किया, जिसमें पाकिस्तान के सेना प्रमुख के बगल में एक अमेरिकी नामित आतंकवादी बैठा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह आतंकवाद से साफ-साफ रिश्ता दिखाता है।
‘पाकिस्तान में फील्ड मार्शल के बगल में नामित आतंकी’
रियाद में बातचीत में बोलते हुए ओवैसी ने कहा, ‘…पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में वापस लाया जाना चाहिए। यहीं से हम इन सभी आतंकवादी संगठनों के इस आतंकी वित्तपोषण को नियंत्रित कर पाएंगे। जब इस व्यक्ति (असीम मुनीर) को पाकिस्तान में फील्ड मार्शल बनाया गया था, तब मोहम्मद एहसान नाम का एक अमेरिकी नामित आतंकवादी फील्ड मार्शल के ठीक बगल में बैठा था। इस फील्ड मार्शल के साथ हाथ मिलाते हुए उसकी तस्वीरें हैं। पाकिस्तान की संलिप्तता के स्पष्ट सबूत हैं। ये आतंकवादी समूह वहां फल-फूल रहे हैं, उन्हें वहां प्रशिक्षित किया जा रहा है। वे भारत में हिंदू मुस्लिम दंगे कराने की साजिश रच रहे हैं। वे भारत को अस्थिर करना चाहते हैं।’
मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान को सारे सबूत दिए
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जांचकर्ताओं ने मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान को सारे सबूत दिए थे, लेकिन वैश्विक दबाव के कारण कार्रवाई करने तक कोई प्रगति नहीं हुई। ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान ने पहले दावा किया कि मुख्य आरोपी साजिद मीर मर चुका है, लेकिन बाद में उसने स्वीकार किया कि वह जीवित है।
‘भारत चाहता था कि साजिद मीर पर अभियोग लगाया जाए, लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि वह मर चुका है’
ओवैसी ने कहा, ’26/11 के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में मेरी सरकार, भारतीय जांचकर्ता पाकिस्तान गए, उन्हें सारे सबूत दिए, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ भी आगे नहीं बढ़ा। पाकिस्तान को इस आतंकवादी मुकदमे में आगे बढ़ने के लिए तब मजबूर होना पड़ा, जब पाकिस्तान को FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया। जर्मनी में एक बैठक हुई और भारत चाहता था कि साजिद मीर पर अभियोग लगाया जाए, लेकिन पाकिस्तान ने कहा कि वह मर चुका है। इसके बाद पाकिस्तान FATF की समिति के सामने आया और कहा कि साजिद मीर जीवित है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जो देश कह रहा था कि वह मर चुका है, अचानक वह जीवित हो गया? और फिर पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि हमारी अदालतों ने उसे 5 से 10 साल की सजा सुनाई है, लेकिन 26/11 के मुख्य अपराधी अभी भी बेखौफ हैं। उन्हें आतंकवाद के लिए नहीं, बल्कि धन शोधन के लिए दोषी ठहराया गया था।’
‘हमलावरों और पाकिस्तान में उनके आकाओं के बीच बातचीत रिकॉर्ड’
ओवैसी ने कहा कि भारतीय एजेंसियों ने हमलावरों और पाकिस्तान में उनके आकाओं के बीच बातचीत रिकॉर्ड की है, जिसमें आतंकवादियों से कहा गया था कि वे अधिक से अधिक लोगों को मारें और ऐसा करने पर उन्हें ‘जन्नत’ मिलने का दावा किया गया था।
मुंबई हमलों के वक्त भी पाकिस्तान को सबूत सौंपे
उन्होंने आगे कहा, ‘…भारतीय कानूनी प्रणाली ने कानून की सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया और अजमल कसाब को मौत की सजा सुनाई गई और उसने कई बातें बताईं। हमारी एजेंसियां उन ऑडियो बातचीत को रिकॉर्ड करने में सक्षम थीं, जिसमें पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी समूह की आतंकवादियों के साथ बातचीत हो रही थी, जो पांच सितारा होटलों में भारतीयों की हत्या कर रहे थे और उन बातचीत में उन्हें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि हिम्मत मत हारो, जितने भारतीयों को मार सकते हो मारो और तुम जन्नत जाओगे। यही वह बातचीत थी, जिसे रिकॉर्ड किया गया था।’
पाकिस्तान की पोल खो रहा भारतीय प्रतिनिधिमंडल
भाजपा सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे, भाजपा सांसद फंगनन कोन्याक, भाजपा सांसद रेखा शर्मा, एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी, सांसद सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और राजदूत हर्ष श्रृंगला भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल को सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया के नेताओं के साथ बातचीत करनी है। उन्हें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के बारे में बताना है। सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की व्यापक लड़ाई के बारे में अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को बताना है। एक-एक सांसद के नेतृत्व में सात समूहों से मिलकर बना बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडल वैश्विक गलत सूचनाओं का मुकाबला करने और आतंकवाद पर भारत की शून्य-सहिष्णुता की नीति को उजागर करने के लिए अलग-अलग देशों का दौरा कर रहा है।