TIO, चंडीगढ़

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जिस तरह से भारत ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और पाकिस्तान के साथ तनाव बढ़ा और फिर संघर्ष विराम लगा, इसे लेकर आर्मी एयर डिफेंस के रिटायर्ड कर्नल उरविंदर सिंह ने एक बातचीत के दौरान बड़ा खुलासा किया है।

कर्नल उरविंदर सिंह ने बताया कि भारत की रक्षा प्रणाली अब बहुत मजबूत है। उसने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया है, लेकिन पाकिस्तान पर विश्वास नहीं किया जा सकता है। पाकिस्तान ने हमेशा हमें धोखा दिया है। इस कारण भारतीय वायु सेना अभी भी अलर्ट है और उसने कहा है कि आॅपरेशन अभी जारी है।

कर्नल उरविंदर ने कहा कि वैसे तो आॅपरेशन सिंदूर से हमें कई हीरो मिले हैं, लेकिन इनमें से एक एस-400 मिसाइल सिस्टम है। इसने पाकिस्तान के नापाक इरादों पर पानी फेर दिया। पाकिस्तान के ड्रोन व मिसाइल हमले को फेल कर दिया। साथ ही भारत ने लाहौर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। यही वजह है कि पाक अभी डरा हुआ है और वह अब जंग के हालात झेलने लायक नहीं है।

भारत ने दिया साफ संदेश
उन्होंने कहा कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम इतना मजबूत है कि उसने पाकिस्तान के अहम ठिकानों को ध्वस्त कर दिया गया, लेकिन उसे पता तक नहीं चला। भारत ने जो मैसेज दिया है, उससे साफ है कि अगर आगे आतंकी हमले करने का प्रयास किया गया तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। यह पूरा युद्ध अभी तक एयर डिफेंस सिस्टम का ही चल रहा था। नई तकनीक के साथ भारत का सिस्टम मजबूत हुआ है। पाक रोजाना 200 से 300 ड्रोन के साथ हमला कर रहा था, उन सभी ड्रोन को भारत सेना ने गिरा दिया। साथ ही पाक की मिसाइलें भी उसके काम नहीं आईं, क्योंकि उनको भी सेना ने हवा में ही नष्ट कर दिया।

आॅपरेशन पराक्रम के दौरान राजस्थान में संभाला मोर्चा
कर्नल उरविंदर सिंह ने इस दौरान सेना में तैनाती के दौरान अपना अनुभव भी साझा किया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2001 में संसद पर हमले के समय वह अंबाला में तैनात थे। इसके बाद ही राजस्थान में उनकी यूनिट को आॅपरेशन पराक्रम के तहत पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चा संभालने का मौका मिला। 11 से 12 महीने तक उन्होंने इस आॅपरेशन के दौरान पाकिस्तान की सेना को दबाकर रखा था। एक बार तो आदेश पर वे पाकिस्तान में भी घुस गए थे। उन्होंने बताया कि टैंक यूनिट के साथ पलटन बॉर्डर पर तैनात थी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER