TIO, श्रीहरिकोटा
भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के ऐतिहासिक 100वें मिशन की उल्टी गिनती मंगलवार को शुरू हो गई। इस मिशन के तहत श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी रॉकेट के जरिये नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 का बुधवार सुबह 6:23 बजे प्रक्षेपण किया।
भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के ऐतिहासिक 100वें मिशन की उल्टी गिनती मंगलवार तड़के शुरू हो गई। इस मिशन के तहत आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से जीएसएलवी रॉकेट के जरिए नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 का प्रक्षेपण किया। लगभग 20 मिनट उपग्रह कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया। यह इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन के नेतृत्व में पहला मिशन है। उन्होंने 13 जनवरी को पदभार संभाला था। प्रक्षेपण से पहले इसरो अध्यक्ष नारायणन ने तिरुपति मंदिर में पूजा अर्चना की।
इसरो से जुड़े सूत्रों ने बताया कि प्रक्षेपण के लिए 27.30 घंटे की उल्टी गिनती मंगलवार तड़के दो बजकर 53 मिनट पर शुरू हुई। स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण के साथ भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) अपनी 17वीं उड़ान में नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 को लेकर जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, यह प्रक्षेपण बुधवार सुबह छह बजकर 23 मिनट पर किया गया। नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-2 नेविगेशन विद इंडियन कांस्टेलेशन यानी नाविक शृंखला का दूसरा उपग्रह है। इसका उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूभाग से लगभग 1,500 किलोमीटर आगे के क्षेत्रों में उपयोगकतार्ओं को सटीक स्थिति, गति और समय की जानकारी प्रदान करना है।
लोकेशन आधारित सेवाओं का और सटीक इस्तेमाल संभव होगा
यूआर सैटेलाइट सेंटर की तरफ से डिजाइन और विकसित एनवीएस-2 उपग्रह का वजन लगभग 2,250 किलोग्राम है। इसमें अपने पूर्ववर्ती एनवीएस-01 की तरह सी-बैंड में रेंजिंग पेलोड के अलावा एल-1, एल-5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड है। इसके जरिये जमीनी, हवाई और समुद्री नेविगेशन को और सटीक बनाने मदद मिलेगी। वहीं, कृषि संबंधी डाटा जुटाना, बेड़े का प्रबंधन करना और मोबाइल फोनों में लोकेशन आधारित सेवाओं का इस्तेमाल करना भी और आसान होगा। इसरो के मुताबिक, यह सैटेलाइट उपग्रहों के लिए कक्षा निर्धारण, इंटरनेट-आॅफ-थिंग्स (आईओटी) आधारित एप और आपातकालीन सेवाओं के लिहाज से भी बेहद अहम है।
तिरुमला मंदिर पहुंचे इसरो प्रमुख
ऐतिहासिक सौंवे प्रक्षेपण से एक दिन पहले इसरो प्रमुख नारायणन वैज्ञानिकों की एक टीम के साथ तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन करने पहुंचे। उन्होंने भगवान के चरणों में रॉकेट का एक मॉडल रखा और मिशन की सफलता के लिए विशेष प्रार्थना की। उन्होंने इसरो के आगामी मिशनों की सफलता के लिए भी प्रार्थना की। वहीं, न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान उन्होंने इसरो में तीसरे लॉन्च पैड के लिए 400 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया और कहा कि अंतरिक्ष में भारी रॉकेटों का प्रक्षेपण संभव हो सकेगा।