TIO, भोपाल।

मध्यप्रदेश में सोमवार को मोहन कैबिनेट का विस्तार हो गया है। राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कुल 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इसमें 18 कैबिनेट, 6 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 4 राज्यमंत्री शामिल हैं। खास बात यह है कि मोहन कैबिनेट में नर्मदापुरम को छोड़कर सभी संभागों को तवज्जो दी गई है। जबकि भाजपा यहां की 11 विधानसभा सीटों में से 9 सीटों पर बंपर जीत दर्ज की है। मंत्रिमंडल में नर्मदापुरम को जगह न दिए जाने पर कांग्रेस हमलावर हो गई है। बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को नकारने उनके नर्मदापुरम संभाग को मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है।

कांग्रेस नेता शहरयार ने कहा कि पहले मंत्रिमंडल में अंदरूनी लड़ाई सामने आई। नर्मदापुरम संभाग की उपेक्षा हुई। शिवराज के सम्मान को बरकरार नहीं रखा। उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह चौहान के चेहरे और लाडली बहना योजना पर जीते, लेकिन अब बीजेपी उन्हें ही राजनीति का शिकार बना रही है। दिल्ली से तय नाम में शिवराज समर्थकों को जगह नहीं मिली। बीजेपी के अंदरूनी खींचतान की तस्वीर जल्द सामने आएंगी। 2018 के मुकाबले 2 सीट का इजाफा हुआ है। नर्मदापुरम संभाग में तीन जिले आते है। दिग्गजों के बाद भी नर्मदापुरम, हरदा और बैतूल से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया गया है। वहीं कांग्रेस नेता को आरोप पर भाजपा ने भी पलटवार किया है।

बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस के पास तर्कों के अलावा कुछ नहीं बचा है। प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को हार का आईना दिखाया है। मोहन सरकार का पहला मंत्रिमंडल संतुलित और शानदार है। कांग्रेस के पास तर्क राजनीति का अभाव है। सभी क्षेत्र के साथ सभी समीकरण पर काम होगा। आगे भी कैबिनेट का विस्तार होगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER