TIO, अलीगढ़।

हाथरस हादसे के बाद पांच नंबरों से बाबा को 20 कॉल किए गए हैं। मुख्य आयोजक सहित उसके पांच सहयोगियों ने भोले बाबा उर्फ सूरजपाल को एक-एक घटनाक्रम की जानकारी दी है। माना जा रहा है कि फिर बाबा से निर्देश प्राप्त होने पर ही सभी ने भूमिगत होने का कदम उठाया है। पुलिस की एसओजी टीमों ने बुधवार से मुख्य आयोजक व अन्य की गिरफ्तारी के लिए अभियान तेज किया। जब इनकी लोकेशन जानने के लिए इनके मोबाइल नंबरों पर काम शुरू किया तो पाया कि मुख्य आयोजक सहित पांच नंबर ऐसे हैं, जिन्होंने हादसे के बाद तत्काल एक ही नंबर पर लगातार 20 बार कॉल किया है। फिर वे पांचों नंबर बंद हो गए हैं।

जिस नंबर पर कॉल किया गया है। वह जांच में बाबा का पाया गया है। इसके बाद से ही माना जा रहा है कि बाबा को इन लोगों ने पूरी जानकारी दी है। माना जा रहा है कि बाबा ने उन्हें शायद छिपने के ठिकाने भी बताए हों। यह भी बताया हो कि किन-किन लोगों को जरूरी तौर पर हाथ नहीं आना है। हालांकि इन तमाम सवालों के जवाब इनकी गिरफ्तारी के बाद ही मिलेंगे। आईजी शलभ माथुर ने कहा कि जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। जो भी तथ्य जांच में सामने आ रहे हैं, उसके अनुसार कार्रवाई की जा रही है। जांच में नाम सामने आने पर भोले बाबा से पूछताछ की जा सकती है। मुकदमे की विवेचना सीओ हाथरस रामप्रवेश राय को सौंपी गई है।

जैसे-जैसे नाम सामने आ रहे… वैसे लोगों से की जा रही पूछताछ
इंस्पेक्टर कोतवाली हाथरस विजय कुमार को सहयोगी विवेचक बनाया गया है। पुलिस लाइन में मीडिया के सवालों पर उन्होंने कहा कि हादसे की जांच चल रही है। शुरूआती जांच में एक नामजद आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है, जिसकी तलाश जारी है। इनाम भी घोषित किया गया है। जैसे-जैसे नाम सामने आ रहे हैं। उन लोगों से पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तारी भी की जा रही है। अगर बाबा का नाम सामने आया तो उससे भी पूछताछ की जाएगी।

सेवादार कह रहे थे…बाबा का नाम पुकारो
सत्संग खत्म होने के बाद जब एक लाख की भीड़ पंडाल से निकलकर हाईवे की तरफ बढ़ी तब भीड़ के दबाव में बुजुर्ग महिलाओं को सांस लेने में तकलीफ होने लगी थी। इसी दौरान भगदड़ मच गई तो यह महिलाएं भीड़ में फंस गई और मदद के लिए पुकारने लगीं। यहां मौजूद सेवादार इन महिलाओं को भीड़ से सुरक्षित निकालने की बजाए कहने लगे….कुछ नहीं होगा, नारायण साकार हरि पुकारो। बाबा मदद करेंगे। अस्पतालों में भर्ती रहीं महिलाओं ने पुलिस की जांच में यह बयान दर्ज कराए हैं।

सत्संग में एक लाख से अधिक भीड़ पहुंची थी
सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में 2 जुलाई को आयोजित भोले बाबा के सत्संग में एक लाख से अधिक भीड़ पहुंची थी। प्रशासन का जो मानना है उसके मुताबिक 50 हजार से ज्यादा भीड़ महिलाओं की थी। सत्संग भले ही 12 बजे से शुरू हुआ था लेकिन दूरदराज से पहुंची महिलाएं सुबह को 7 बजे से ही पंडाल में पहुंच गईं थीं। उस वक्त गर्मी बहुत थी और उमस से यहां मौजूद लोग परेशान हो रहे थे। दोपहर को जब सत्संग खत्म हुआ तो महिलाएं जाने लगीं।

अब इतनी भीड़ के बीच जो बुजुर्ग महिलाएं थीं उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। बेहोशी सी छाने लगी। झारखंड से पहुंची गोमती ने बताया कि उन्हें ब्लड प्रेशर की भी दिक्कत रहती है। फेफड़े भी कमजोर हैं। भीड़ में ऐसा लगने लगा था कि दम घुट जाएगा। एक सेवादार को दर्द बताते हुए कहा कि उसे भीड़ के बीच से निकाल दो। इस पर सेवादार चिल्लाते हुए बोला…कुछ नहीं होगा बाबा का नाम पुकारो। वह बेहोश होकर गिर गई थी। बाद में उसके साथ आईं गांव की महिलाएं उसे बाहर निकालकर ले गईं। कुछ ऐसा ही हुआ नई बस्ती की ब्रहमो देवी के साथ। उनकी उम्र भी 60 साल है।

झारखंड की गोमती बोलीं- सेवादार डंडे से हांक रहे थे भीड़
शुगर की मरीज हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने देवरानी के साथ आईं थीं। भीड़ के बीच उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी। अब इतनी भीड़ के बीच से निकलते कैसे। तभी सेवादार की वर्दी पहने खड़े दो लोगों को उनकी देवरानी बुलाकर लाईं और मदद मांगी। मगर वह यह कहकर वहां से चले गए कि बाबा को पुकारो। शक्ति आ जाएगी। झारखंड की गोमती देवी तीन महिलाओं के साथ यहां आईं थीं। उनकी उम्र 55 साल है। गोमती ने पुलिस को बताया कि सेवादार डंडे से भीड़ को हांक रहे थे। होना यह चाहिए था कि पहले महिलाओं को निकालते। लेकिन सभी को एक साथ निकाला जा रहा था। उनकी भी तबीयत बिगड़ गई थी। वह पंडाल में ही गिर गई थी। दो महिला सेवादार आईं और कहने लगीं कि बाबा का नाम लेकर थोड़ा पानी पी लो। आराम मिलेगा।

गिरफ्तार सेवादार बोले, भगदड़ मचते ही वह वहां से भाग गए थे
पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए छह सेवादारों ने बताया कि भीड़ ज्यादा थी और इंतजाम कम थे। हालांकि मंच से बार बार घोषणा की जा रही थी कि लोग धीरे चलें। लाइन में चलें। लेकिन जब बाबा का काफिला गुजरा तो कुछ लोग उनकी तरफ दौड़ पड़े। इससे भगदड़ मच गई। जब जानकारी हुई कि भगदड़ में लोगों की मौत हो गई है तो उन्हें वहां से निकलने के लिए कहा गया। हम सभी लोग वहां से भाग गए।

वीडियो बना रहे ग्रामीणों के मोबाइल फेंक दिए थे
जब भगदड़ मची तब कुछ ग्रामीण हाईवे किनारे खड़े होकर वीडियो बनाने लगे थे। इसी दौरान यहां पहुंचे सेवादारों ने युवकों के साथ भी धक्का मुक्की कर दी। मोबाइल लेकर फेंक दिए थे। जब पुलिस ने इस बारे में पूछा तो उनका कहना था कि बाबा का सख्त आदेश है कि कोई वीडियो नहीं बनाएगा। वीडियो बनाने के लिए उन्होंने अपनी एक टीम बना रखी है। उसके अलावा किसी को वीडियो नहीं बनाने दिया जाता।

आईजी शलभ माथुर ने बताया कि सेवादारों ने बताया कि भगदड़ मचते ही सभी को भागने के लिए कहा गया था। काफी देर तक पैदल गए और बाद में बस पकड़कर निकल गए। जब उन्हें पता चला कि मरने वालों की संख्या बढ़ गई तो सभी भूमिगत हो गए। पुलिस पूछताछ में कई महिलाओं ने यह भी बयान दिया है कि जिनकी तबीयत भीड़ में खराब हो रही थी और सेवादार उन सभी से कह रहे थे कि बाबा का नाम पुकारो सब ठीक हो जाएगा।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER