TIO, भोपाल।

मध्यप्रदेश में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए पार्टी के अंदर हलचल तेज हो गई है। इतना ही नहीं, गुरुवार को विधायक दल की बैठक भी हुई। लेकिन प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में नाम पर फैसला नहीं हो सका। बैठक में एक लाइन एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ है कि विधायक दल के नेता के नाम का फैसला शीर्ष नेतृत्व करेगा। खास बात यह रही की विधायक बैठक में पीसीसी चीफ कमलनाथ और छिंदवाड़ा जिले के छह मौजूद नहीं पहुंचे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधायक दल की बैठक में वरिष्ठ विधायक राम निवास रावत ने नेता प्रतिपक्ष को लेकर प्रस्ताव रखा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे और केंद्रीय नेतृत्व विधायक दल के नेता का चयन करें। रावत के इस प्रस्ताव का समर्थन कांग्रेस विधायक हीरा अलावा ने किया। इसके बाद सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास कर दिया गया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह साफ कर दिया गया है कि नेता प्रतिपक्ष का नाम हाई कमान तय करेंगे। पीसीसी में चली इस बैठक में स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष भवर जितेंद्र सिंह सहित, प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला सहित दिग्विजय सिंह, रामनिवास रावत,जयवर्धन सिंह, हेमंत कटारे सहित नवनिर्वाचित विधायक मौजूद रहे।

छिंदवाड़ा दौरे पर थे नाथ
वहीं कमलनाथ और छिंदवाड़ा के छह विधायक बैठक में नहीं पहुंचे। इस बात की चर्चा होती रही। नाथ के मौजूद न रहने की बड़ी वजह यह भी थी कि वह छिंदवाड़ा के दौरे पर है। बताया जा रहा है कि पीसीसी के चीफ कमलनाथ का छिंदवाड़ा में दौरा पहले से ही तय था। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद वे छिंदवाड़ा की हर विधानसभा में पहुंचकर जनता का आभार जता रहे हैं। हालांकि गुरुवार को परासिया में दौरा कार्यक्रम समाप्त हो जाएगा। इसके बाद वे शुक्रवार को दोपहर बाद छिंदवाड़ा से दिल्ली रवाना हो जाएंगे।

इनके नाम पर लग सकती है मुहर
कांग्रेस विधायक दल के नेता बनने की दौड़ में युवा नेता ओमकार सिंह मरकाम का नाम सबसे आगे है। मरकाम पूर्व में मंत्री रहे हैं और आदिवासी वर्ग से आते हैं। उन्होंने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरूआत की थी। उनके अलावा विधायक दल का नेता बनने की इस दौड़ में आदिवासी वर्ग से ही आने वाले पूर्व मंत्री बाला बच्चन और उमंग सिंघार का नाम भी शामिल हैं। पार्टी इनमें से भी एक को इस पद के लिए चुन सकती है। आदिवासी वर्ग के बाहर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व नेताप्रतिपक्ष अजय सिंह और विधायक रामनिवास रावत से का नाम भी चचार्ओं में हैं। इनमें से भी किसी को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

आदिवासी नेताओं में इनके नाम शामिल
उमंग सिंघार- मप्र की पूर्व डिप्टी सीएम स्वर्गीय जमुना देवी के भतीजे और धार जिले की गंधवानी सीट से चौथी बार के विधायक हैं। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, एआईसीसी में एसटी कांग्रेस में राष्ट्रीय सदस्य के साथ ही झारखंड के सहप्रभारी रह चुके हैं। ओमकार सिंह मरकाम- डिंडोरी से चौथी बार विधायक हैं। कांग्रेस की सेंट्रल इलेक्शन कमेटी के सदस्य हैं। अपने क्षेत्र से लेकर भोपाल तक सक्रिय और निर्विवाद छवि है। बाला बच्चन- कमलनाथ सरकार में गृहमंत्री रहे हैं। छठवीं बार के विधायक हैं। बड़वानी जिले की राजपुर सीट से विधायक बाला बच्चन कमलनाथ के करीबी हैं। कमलनाथ की पसंद का ध्यान रखा गया तो नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER