TIO, भोपाल
मध्य प्रदेश सरकार ने मच्छर जनित बीमारियों के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के साथ अपनी साझेदारी को आगे बढ़ाते हुए भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित चार शहरों में मलेरिया और डेंगू की रोकथाम पर केंद्रित एक नए जन जागरूकता अभियान की शुरूआत की है। यह पहल मध्य प्रदेश के सरकारी कार्यक्रम मच्छर जनित स्थानिक (एडेमिक) रोगों का उन्मूलन (एम्बेड) का अंग है, जो गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड और फैमिली हेल्थ इंडिया (एफएचआई) द्वारा समर्थित है। एम्बेड एक वहनीय रणनीतिक पहल है जिसका उद्देश्य है. बहुआयामी दृष्टिकोण के तहत मलेरिया और डेंगू के मामलों को कम करना और मृत्यु दर को शून्य पर लाना।
जन जागरूकता की यह पहल ऐसे महत्वपूर्ण समय पर की जा रही है, जब डेंगू और मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों के मामले काफी बढ़ गए हैं। मच्छर जनित बीमारियों के प्रकोप को रोकने और उनके प्रसार को नियंत्रित करने के लिए रेपेलेंट (मच्छर भगाने वाले उत्पाद) का प्रभावी उपयोग और जन जागरूकता महत्वपूर्ण है। अभियान के अंग के रूप में, निवारक उपायों, लक्षणों पर ध्यान देने और समय पर चिकित्सा हस्तक्षेप की जरूरत को रेखांकित करने वाला एक वीडियो जारी किया गया है। इस अभियान के जरिये, मध्य प्रदेश राज्य सरकार और जीसीपीएल का लक्ष्य है, नागरिकों को संभावित रूप से जानलेवा मच्छर जनित बीमारियों से खुद को और अपने परिवारों को बचाने के लिए आवश्यक ज्ञान से लैस करना।
मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा निर्मित और जीसीपीएल द्वारा समर्थित जन जागरूकता वीडियो, भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित मध्य प्रदेश के चार शहरों में जारी किया जाएगा। 20 सरकारी कार्यालयों, 10 सरकारी अस्पतालों और 20 प्रमुख ट्रैफिक सिग्नलों पर स्क्रीनिंग होगी, जिससे चार शहरों में व्यापक प्रदर्शन सुनिश्चित होगा। इसके अलावा, वीडियो की पहुंच और बढ़ाने के लिए इसे सरकारी अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुपों में प्रसारित किया जाएगा। यह अभियान दिसंबर 2024 के अंत तक चलेगा। इस व्यापक वितरण के साथ, यह उम्मीद की जाती है कि लगभग 35,000 लोग प्रतिदिन वीडियो देखेंगे, जिससे इसका प्रभाव बहुत बढ़ जाएगा। वीडियो को रणनीतिक रूप से उच्च-यातायात क्षेत्रों में दिखाने के लिए तैयार किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संदेश समुदाय के विविध वर्गों तक पहुंचे। यह अभियान दिसंबर, 2024 के अंत तक लाइव रहेगा।
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय के उप निदेशक डॉ. हिमांशु जायसवार ने कहा, “हमें गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के साथ अपनी साझेदारी को फिर से आगे बढ़ाने पर गर्व है, जो एम्बेड कार्यक्रम का हिस्सा है और इसे चल रहे मानसून के दौरान मच्छर जनित बीमारियों के फैलने का मुकाबला करने के लिए तैयार किया गया है। सार्वजनिक और निजी दोनों संगठनों के सतर्क प्रयास सार्वजनिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। किसी भी महामारी को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय रोकथाम महत्वपूर्ण है और मध्य प्रदेश में यह जागरूकता अभियान हमारे नागरिकों को मलेरिया और डेंगू की रोकथाम के बारे में शिक्षित करने में आवश्यक भूमिका निभाएगा। साथ मिलकर, हम इन बीमारियों के मामले कम कर सकते हैं और अपने समुदाय के स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।”
गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप की सस्टेनेबिलिटी एवं सीएसआर प्रमुख, गायत्री दिवेचा ने इस सहयोग के बारे में कहा, “2015 से हम वेक्टर जनित बीमारियों से मुकाबले के लिए मध्य प्रदेश राज्य सरकार के साथ साझेदारी कर रहे हैं। इस साझेदारी से मध्य प्रदेश को मलेरिया उन्मूलन के लिहाज से श्रेणी 3 से श्रेणी 1 राज्य का दर्जा हासिल करने में मदद मिली। हालांकि, मानसून के दौरान डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामलों का बढ़ना जारी रहा। हमारे इस संयुक्त प्रयास से स्पष्ट हुआ कि रोकथाम ही मुकाबले के लिए सबसे उपयुक्त साधन है। हमारा उद्देश्य है, सरल लेकिन प्रभावी निवारक उपायों को सामने लाना, जिसे हर कोई अपनी रक्षा के लिए अपना सकता है। जन जागरूकता अभियान वीडियो जैसी चीजों को साझा करना आसान है, समझना आसान है और यह मध्य प्रदेश में हजारों लोगों तक पहुंच सकता है।
एम्बेड पहल 2015 में शुरू हुई थी और इससे भारत में मलेरिया और मच्छर जनित रोगों के नियंत्रण पर उल्लेखनीय असर हुआ है, जो 39 जिलों में 2.7 मिलियन घरों तक फैला है और इसमें 3,000 झुग्गी- झोपड़ियां और 10,000 गांव शामिल हैं। आज तक, इस कार्यक्रम ने आर्थिक रूप से कमजोर और हाशिए पर रहने वाले 28.4 मिलियन लोगों के जीवन में सकारात्मक रूप से बदलाव लाया है। जीसीपीएल और मध्य प्रदेश सरकार के बीच सफल सहयोग के कारण पिछले 5 साल में मलेरिया के मामलों में 89% की कमी आई है और इस अवधि के दौरान राज्य के सबसे अधिक एंडेमिक क्षेत्रों में से 45% में एम्बेड के हस्तक्षेप का योगदान रहा। कुल मिलाकर, इस कार्यक्रम ने पूरे भारत में 11,000 गांवों (इंटरवेंशन विलेज) में से 5,225 गांवों को मलेरिया मुक्त होने में मदद की है। इसके अलावा, इस कार्यक्रम ने वित्त वर्ष 2023-24 में डेंगू के मामलों में 65% की कमी दर्ज की।
मध्य प्रदेश के शहरी इलाकों में हमारा हस्तक्षेप भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, मुरैना और विदिशा जैसे जिलों को लक्षित करता है, विशेष रूप से घनी आबादी वाले झुग्गी-झोपड़ियों वाले इलाकों पर केंद्रित है, जो डेंगू के प्रकोप के लिहाज से अतिसंवेदनशील हैं। इस परियोजना का विस्तार 1,601 झुग्गियों तक है, जिनमें 2,61,589 घर और 24,84,237 लोगों की आबादी शामिल है। इसके अलावा, 1,816 मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) कार्यकतार्ओं को लोगों को शिक्षित करने, बीमारी का निदान करने, बुखार के मामलों को निकटतम स्वास्थ्य केंद्रों में भेजने और उपचार की सुविधा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। शुरूआत में मध्य प्रदेश पर केंद्रित, एम्बेड कार्यक्रम का विस्तार उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में भी हुआ है, जिससे मलेरिया उन्मूलन में मदद मिली है।