शशी कुमार केसवानी

भोपाल। मप्र सरकार ने आधी रात को फैसला लेकर 26 आईएएस के तबादलों से यह संकेत दे दिए हैं कि अचानक देर रात को भी निर्णय लिए जा सकते हैं। जिसकी मुख्य वजह है पिछले दिनों चीफ सेकेट्री की नियुक्ति को लेकर जिस तरह से भ्रम बने हुए थे, उनको भी दूर करने की कोशिश की गई है। साथ साथ यह भी बताया गया है कि मप्र सरकार कुछ काम अपनी मर्जी से भी करेगी। अपने चहेते राजेश राजौरा को ताकतवर बनाकर यह साबित किया गया है कि सीएमओ में एक ही व्यक्ति की चलेगी। एक वक्ति के रहने से टकराव की भी कोई स्थिति नहीं बनेगी। जबकि संजय शुक्ला इस कार्य के लिए सशक्त व्यक्ति थे, जो अपने सजह और सरल स्वभाव से सारे कार्य आसानी से करते थे और सारे लोगों को साथ लेकर चलने के अलावा जमीन हकीकत से भी बहुत अच्छी तरह वाकिफ हैं। पर उन्हें जो विभाग मिला है। वहां भी वे बहुत प्रभावी तरीके से काम करने में सक्षम हैं। ऐसे अफसरों के साथ फायदा यह रहता है कि सभी जगह की हकीकतों से वाकिफ रहते हैं। आने वाले समय में संजय शुक्ला की कार्य क्षमता को देखकर महसूस भी करेंगे। चाहे वह अर्बन डेवलपमेंट हो या फिर हाउसिंग बोर्ड।

मुख्यमंत्री के दोनों प्रमुख सचिवों को हटाया
ट्रांसफर आदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के दोनों ही प्रमुख सचिवों को हटा दिया गया है। सीएम के प्रमुख सचिव के रूप में काम कर रहे राघवेंद्र कुमार सिंह कुछ समय पहले तक मुख्यमंत्री के एकदम करीबी माने जा रहे थे। लेकिन पिछले कुछ समय से उन्हें सीएम के कुछ निर्णयों से अलग रखा जा रहा था। पर उन्हें एक ताकतवर विभाग देकर उनकी ताकत बढ़ा दी गई है। पर अब वे अपने विभाग में बहुत कुछ कर सकते हैं। लेकिन दूसरे विभागों में उनका दखल न हो पाएगा। लेकिन राजेश राजौरा अपने सीएस न बनने की हसरत दिल में दबाए अपनी ताकत का सभी विभागों में इस्तेमाल करके अपने हिसाब से काम कराने की कोशिश करेंगे। हालांकि इसमें उनको कितना बाकी अफसरों से कितना सहयोग मिलता है। यह वक्त बताएगा। उन्होंने एक बाचीत में इन सब बातों को बहुत सहजता और सरलता के साथ सबको अपना अपना कार्य करने की बात की।

मंडलोई का विभाग बदला, बामरा को जनजातीय कार्य विभाग
एसीएस नीरज मंडलोई से नगरीय विकास और आवास विभाग वापस लेते हुए उन्हें अपर मुख्य सचिव ऊर्जा और एमडी पावर मैंनेजमेंट कंपनी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, मनु श्रीवास्तव से ऊर्जा विभाग वापस लेते हुए उन्हें खेल और युवा कल्याण विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। जबकि मनु जैसे अफसर प्रतिभा के धनी हैं। उनका उपयोग ऐसे विभागों में होना चाहिए, जिससे प्रदेश के विकास कार्यों के साथ साथ आने वाले समय की योजनाओं में उपयोग किया जा सके।

मनीष सिंह अब अपर सचिव परिवहन, अनुराग पिछड़ा वर्ग पहुंचे
प्रीति मैथिल को श्रम विभाग से हटाते हुए अपर सचिव खाद्य प्रसंस्करण और उद्यानिकी का जिम्मा सौंपा गया है। आयुक्त हाउसिंग बोर्ड मनीष सिंह को अपर सचिव परिवहन विभाग बनाया गया है। जबकि मनीष का उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जा सकता था, लेकिन इतने लंबे समय से सीएम की मनीष सिंह से नाराजगी जाहिर हो रही है, जिसकी वजह से उनके ट्रांसफर किए जा रहे हैं। जबकि सीएम चाहे तो ऐसे अफसरों का अच्छे पदों पर उपयोग किया जा सकता है। पर पीछे राजनैतिक कारण अनेकों रहते हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER