TIO, न्यूयॉर्क।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (स्थानीय समयानुसार) को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान, क्षेत्र में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन को दोहराया। इसके अलावा, पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ के दौरान आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान और वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम से भी मुलाकात की।

इससे पहले 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की से कीव में मुलाकात की थी। यह मुलाकात युद्धग्रस्त देश की ऐतिहासिक यात्रा का हिस्सा थी। इस मुलाकात के बाद जेलेंस्की गदगद दिखाई दिए थे। उन्होंने पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा की सराहना करते हुए कहा था कि यह महत्वपूर्ण है कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति प्रतिबद्ध है और कीव की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता का समर्थन करता है। मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात हुई। हम द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पिछले महीने यूक्रेन की अपनी यात्रा के परिणामों को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति और स्थिरता की बहाली के लिए भारत का समर्थन दोहराया।’

जेलेंस्की ने पीएम मोदी का जताया आभार
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ट्वीट कर लिखा कि, यह इस साल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ तीसरी द्विपक्षीय बैठक है। हम सक्रिय रूप से अपने संबंधों को विकसित कर रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। हमारी बातचीत का मुख्य फोकस अंतरराष्ट्रीय मंचों, खासकर संयुक्त राष्ट्र और जी20 में हमारी बातचीत को बढ़ाने के साथ-साथ शांति सूत्र को लागू करना और दूसरे शांति शिखर सम्मेलन की तैयारी पर था। हमने उपलब्ध अवसरों पर एक ठोस चर्चा की। मैं हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के स्पष्ट समर्थन के लिए आपका आभारी हूं।

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक विशेष ब्रीफिंग के दौरान कहा कि बैठक के दौरान, जेलेंस्की ने यूक्रेन में संघर्ष पर भारत के ध्यान की सराहना की और इससे बाहर निकलने के प्रयासों के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। मिस्री ने कहा कि दोनों नेता निकट संपर्क में रहने पर भी सहमत हुए। विदेश मंत्रालय के आधिकारिक अकाउंट ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज न्यूयॉर्क में यूएनजीए से इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने यूक्रेन की तलाश में रचनात्मक भूमिका निभाने की भारत की इच्छा दोहराई।’

भारत-यूक्रेन संबंधों का इतिहास
भारत ने सोवियत संघ के विघटन के बाद दिसंबर 1991 में यूक्रेन की स्वतंत्रता को मान्यता दी। इसके बाद 17 जनवरी 1992 को दोनों देशों के बीच औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित हुए। भारत ने 1992 में कीव में अपना दूतावास खोला, जबकि यूक्रेन ने 1993 में नई दिल्ली में अपना दूतावास खोला। सन् 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से 23 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी की यूक्रेन की पहली यात्रा थी।

आर्मेनिया के पीएम निकोल से मुलाकात को बताया अद्भुत
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के अलावा पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में आर्मेनिया के प्रधानमंत्री से मुलाकात कर खुशी जाहिर की और इस मुलाकात को अद्भुत बताया। इसके बाद पीएम मोदी ने एक्स पर कहा, ‘आज संयुक्त राष्ट्र में भविष्य के शिखर सम्मेलन के मौके पर आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिन्यान से मिलना अद्भुत है।’

वियतनामी राष्ट्रपति को बढ़ी हुई जिम्मेदारियां संभालने को दी बधाई
इसके अलावा, पीएम मोदी ने वियतनामी राष्ट्रपति टो लैम के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम मोदी ने राष्ट्रपति लैम को बढ़ी हुई जिम्मेदारियां संभालने के लिए बधाई दी। इसके साथ ही भारत-वियतनाम के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में निरंतर सहयोग की उम्मीद जताई।

पीएम मोदी ने इस महीने की शुरूआत में आए तूफान यागी से हुए नुकसान और क्षति के लिए वियतनाम के साथ अपनी सहानुभूति और एकजुटता दोहराई। राष्ट्रपति और महासचिव टो लैम ने आॅपरेशन सद्भाव के तहत भारत द्वारा आपातकालीन मानवीय सहायता और आपदा राहत की समय पर आपूर्ति के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘वियतनाम के राष्ट्रपति टो लैम से मुलाकात की। हमने भारत-वियतनाम मित्रता के पूरे दायरे का जायजा लिया। हम कनेक्टिविटी, व्यापार, संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में गति जोड़ने के लिए तत्पर हैं।’

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER