TIO, नई दिल्ली।

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जीत का मंत्र दिया। सोनिया ने कहा कि इस वक्त माहौल कांग्रेस के पक्ष में है, लेकिन इस गति को बनाए रखना और लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जो साख बनाई है, उसे बरकरार रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा, हमें लगता था कि मोदी सरकार लोकसभा चुनाव में लगे बड़े झटके से सही सबक लेगी। इसके बजाय, वह समुदायों को विभाजित करने और भय और शत्रुता फैलाने की अपनी नीति पर कायम है। सोनिया ने कहा कि हमें बिल्कुल भी लापरवाह नहीं होना है। न ही हमें अति-आत्मविश्वास से भरना है। मैं यह कह सकती हूं कि अगर हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे तो लोकसभा चुनाव में जैसा माहौल दिखा उस आधार पर राष्ट्रीय राजनीति अब बदलने जा रही है।

कांवड़ यात्रा मार्ग को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का जिक्र किया
सोनिया गांधी ने उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के मार्ग में दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने के शासनादेश से जुड़े विवाद का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कहा कि सौभाग्य से उच्चतम न्यायालय ने सही समय पर हस्तक्षेप किया, लेकिन यह केवल एक अस्थायी राहत हो सकती है। उन्होंने दावा किया, ह्यह्यनौकरशाही को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति देने के लिए नियमों को अचानक बदल दिया गया। यह संगठन खुद को एक सांस्कृतिक संगठन कहता है, लेकिन पूरी दुनिया जानती है कि यह भाजपा का राजनीतिक और वैचारिक आधार है।

विधानसभा चुनावों को लेकर भरा जोश
सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव तथा जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा चुनाव की संभावना के मद्देनजर पार्टी नेताओं में जोश भरने का प्रयास किया। उन्होंने कहा, ह्यह्यकुछ ही महीनों में चार राज्यों में चुनाव होने हैं। हमें लोकसभा चुनाव में बनी स्थिति को बरकरार रखना चाहिए। हमें आत्मसंतुष्ट और अति आत्मविश्वासी नहीं बनना चाहिए। माहौल हमारे पक्ष में है, लेकिन हमें लक्ष्य को ध्यान में रखने की भावना के साथ एकजुट होकर काम करना होगा।

कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि यदि कांग्रेस आगामी चुनावों में भी बेहतर प्रदर्शन करती है तो राष्ट्रीय राजनीति में बदलाव आएगा। उन्होंने वायनाड में भूस्खलन में 100 से अधिक लोगों की मौत पर दुख जताया और प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्रीय बजट में किसानों और युवाओं को नजरअंदाज किया गया है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER