TIO, पुणे।

महाराष्ट्र सरकार और बिजली कंपनी प्रशासन ने महावितरण, महापारेषण और महानिर्मिति कंपनियों के सभी बिजली अनुबंध श्रमिकों के लिए 30% वेतन वृद्धि और गैर-ठेकेदार रोजगार और अन्य महत्वपूर्ण लंबित मांगों के लिए 9 फरवरी को राज्य भर में गेटमिटींग कीं।

ऊर्जा मंत्री देवेन्द्रजी फड़नवीस द्वारा घोषित सुझाव के अनुसार वितरण एवं पारेषण की नई भर्ती को स्थगित कर अनुभवी एवं कुशल संविदा कर्मियों को आयु सीमा में छूट एवं विशेष प्राथमिकता एवं आरक्षण दिया जाना चाहिए। भ्रष्ट ठेकेदारों और उनका समर्थन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। ऊर्जा मंत्री एवं बिजली कंपनी प्रशासन को शीघ्र चर्चा कर श्रमिकों को न्याय देना चाहिए। अन्यथा चौथे चरण में महाराष्ट्र विद्युत मंडल संविदा कर्मचारी संघ संयुक्त कार्य समिति 2024 ने प्रधान कार्यालय बांद्रा मुंबई में आयोजित एक द्वार मिटिंग के दौरान 28 और 29 फरवरी को 2 दिनों के लिए सांकेतिक काम बंद करने का संकेत दिया है। एक्शन कमेटी के आंदोलन को राज्य भर के सभी जिलों में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिली। इस समय सभी कर्मियों ने अपनी मांगों को संर्घश से मनवाने का संकल्प व्यक्त किया।

एक्शन कमेटी की महत्वपूर्ण मांगें

  • -सभी संविदा कर्मियों को 30% वेतन वृद्धि दी जाए।
  • रानडे समिति की सिफारिशों को तुरंत लागू करके एन. एम, आर के माध्यम से स्थाई रोजगार में शामिल किया जाना है।
  • ठेकेदारोंके माध्यम से भ्रष्टाचार से बचने के लिए तब तक बिजोलिये को हटाकर रोजगार दिया जाना चाहिए जब तक वे नौकरी पर बने न रहें।
  • 4 की जगह 15 लाख दुर्घटना निधि, परिवार को 5 लाख का मेडिक्लेम, मृतक के वारिस को नौकरी।
  • ग्रेच्युटी सहित रिटायरमेंट बैनिफिट्स मिल जानी चाहिए

यदि सरकार ने इन विरोधों पर ध्यान नहीं दिया, तो राज्य के सभी कर्मचारी 5 मार्च, 2024 से “अनिश्चितकालीन हड़ताल” पर चले जायेंगे, ऐसी चेतावनी महावितरण कंपनी के प्रकाश गढ़ स्थित प्रधान कार्यालय में आयोजित गेट मिटिंग में दी गयी है। महाराष्ट्र राज्य विद्युत मंडल संविदा श्रमिक संगठन संयुक्त कार्य समिति 2024 के प्रदेश संघटक सचिन मेंगाळे और संयोजक रोशन गोस्वामी ने राज्य के सभी विद्युत संविदा कर्मियों से इस आंदोलन के विभिन्न चरणों में बड़ी संख्या में भाग लेने की अपील की है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER