TIO, लखनऊ

प्रयागराज महाकुंभ में इस बार 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं पहुंचे। इतनी भीड़ आज तक दुनिया के किसी भी आयोजन में जुटी। इससे हैरान दुनिया भर के संस्थान और विश्वविद्यालय इस पर शोध कर रहे हैं। यहां श्रद्धालुओं की गिनती कैसे की गई, इसका जवाब है- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसी (एआई) आधारित चार मैकेनिज्म के जरिये महाकुंभ में लोगों की गिनती की गई।

पहला मैकेनिज्म एट्रिब्यूट आधारित खोज है, जिसके तहत एआई आधारित सर्च कैमरों के जरिये ट्रैकिंग की गई। दूसरा मैकेनिज्म मोबाइल एप के द्वारा ट्रैकिंग है। इसमें लोगों की सहमति के बाद उनके मोबाइल फोन के जरिये जीपीएस लोकेशन डाटा का विश्लेषण किया गया। तीसरा मैकेनिज्म एआई का उपयोग करते हुए क्राउड डेंसिटी अलगोरिदम के जरिये श्रद्धालुओं की किसी क्षेत्र में सघनता के आधार पर उनकी गिनती की गई। चौथा मैकेनिज्म पर्सन एट्रिब्यूट सर्च कैमरों का था। इसकी मदद से मोबाइल एप के जीपीएस लोकेशन से गिनती में सहायता मिली।

मेला प्राधिकरण में महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की गिनती के लिए मेला क्षेत्र में 200 स्थानों पर 744 सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। वहीं, प्रयागराज शहर के अंदर 268 स्थानों पर 1,107 कैमरे भी लगाए गए। इनके अलावा 720 कैमरे 100 पार्किंग स्थलों पर लगाए गए। सटीक गणना के लिए सीसीटीवी कैमरों को एआई की शक्ति प्रदान की गई ताकि कैमरे हर श्रद्धालु को गिन सकें। साथ ही इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) और पुलिस लाइन कंट्रोल रूम के अतिरिक्त अरैल व झूसी क्षेत्र में व्यूइंग सेंटर्स भी थे, जहां से मॉनिटरिंग हुई।

ट्रैफिक प्रबंधन से प्रयागराज की हवा चंडीगढ़ से रही बेहतर
महाकुंभ के दौरान 45 दिनों तक प्रयागराज में रोजाना हजारों गाड़ियां पहुंचीं। इन वाहनों से निकलने वाला धुआं किसी भी शहर की हवा को दमघोंटू बनाने के लिए काफी था। लेकिन ट्रैफिक प्रबंधन की बेहतरीन व्यवस्था से प्रयागराज की हवा जीवनदायिनी बनी रही। शहर के अंदर-बाहर पार्किंग की व्यवस्था की गई थी। इसी वजह से प्रयागराज की वायु गुणवत्ता चंडीगढ़ से भी बेहतर रही।

700 निजी विमान और 2800 फ्लाइट्स से भी पहुंचे श्रद्धालु
महाकुंभ में दुनियाभर से लोग अपने-अपने संसाधनों से पहुंचे। 700 निजी विमान, 2800 फ्लाइट्स और ट्रेन से 15 करोड़ लोग महाकुंभ पहुंचे। तमाम श्रद्धालु अपने संसाधनों से भी महाकुंभ पहुंचे। इससे श्रद्धालुओं का आंकड़ा 66.30 करोड़ तक पहुंच गया। कुशल भीड़ प्रबंधन का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रयागराज शहर की आबादी महज 15 लाख और प्रयागराज जिले की आबादी लगभग 60 लाख है। जबकि महाकुंभ के 45 दिनों में रोजाना मेलाक्षेत्र पहुंचने वालों की संख्या औसतन डेढ़ करोड़ रही। यानी महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में हर दिन शहर की आबादी से औसतन 10 गुना अधिक लोग रहे। फिर भी, कहीं अराजकता व अव्यवस्था नहीं दिखी। इसलिए महाकुंभ 2025 भीड़ प्रबंधन के लिहाज से दुनिया के लिए पाठशाला बन गया।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER