नई दिल्ली। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा चुनावों के नतीजों से विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन के अस्तित्व पर सवाल उठने लगा है। गठबंधन के कई घटक दलों ने अकेले चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की है। साथ ही यह जताने और बताने की भी कोशिश की है कि यह इंडिया गठबंधन नहीं, बल्कि कांग्रेस की हार है। तीन राज्यों में मिली हार से खुद कांग्रेस का कद भी घटेगा और गठबंधन में उसकी आधार दल की स्थिति को भी चुनौती मिलेगी।

गठबंधन के प्रबल समर्थक और महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला चुकी शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा होता तो मप्र का नतीजा अलग होता। कांग्रेस को सहयोगियों के प्रति अपने दृष्टिकोण पर फिर से विचार करना चाहिए और याद दिलाया कि कमलनाथ ने चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी के साथ सीटें साझा करने का विरोध किया था। शिवसेना-कांग्रेस के इस टकराव का हवाला देते हुए शिवसेना (यूबीटी) की ही नेता प्रियंका चतुवेर्दी ने भी कहा कि इससे बचाना जाना चाहिए था। उन्होंने कांग्रेस से घटक दलों के प्रति उदार नजरिया अपनाने को भी कहा। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को इस पर मंथन करना चाहिए कि भाजपा से सीधे मुकाबले में उससे कमी कहां रह गई।

भाजपा के खिलाफ विपक्ष के गठबंधन के सूत्रधारों में से एक और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के नेता केसी त्यागी ने कहा कि यह इंडिया गठबंधन की नहीं, कांग्रेस की हार है। केरल के मुख्यमंत्री और माकपा नेता पी विजयन कांग्रेस के प्रति कुछ ज्यादा ही कठोर नजर आए। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने पहले ही सोच लिया कि वह जीत चुकी है और उसे हराया नहीं जा सकता। यही सोच उसके पतन का कारण बना।

कांग्रेस सामूहिकता के महत्व को समझे
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता मनोज झा ने तो कांग्रेस को नसीहत ही दे डाली। झा ने कहा कि कांग्रेस को यह समझना चाहिए था कि भाजपा की आत्मकेंद्रित राजनीति का मुकाबला करने के लिए सामूहिकता जरूरी थी। उन्होंने कहा, हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे नेताओं ने स्वीकार किया है कि इंडिया गठबंधन में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन, अब, गेंद कांग्रेस के पाले में है। उसे यह महसूस करना चाहिए नरेंद्र मोदी के अहंकार का मुकाबला अहंकार से नहीं किया जा सकता।

टीएमसी ने भी कांग्रेस को कोसा
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि तीन राज्यों के नतीजे भाजपा की जीत से ज्यादा कांग्रेस की विफलता को दशार्ते हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन का चेहरा बनाया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पोस्ट में घोष ने कहा कि टीएमसी ही ऐसी पार्टी है जो भाजपा को पराजित कर सकती है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER