दतिया। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड जीत दर्ज की है। खास बात यह रही की मोदी लहर और लाड़ली बहनों की बंपर वोटिंग के बाद भी पार्टी के कई कद्दावर नेताओं को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। इसमें गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का भी नाम शामिल है। उन्हें दतिया विधानसभा सीट से कांग्रेस के राजेन्द्र भारती ने करीब 7,742 से हराया है। हार के बाद उन्होंने बड़ा बयान दिया है।

मिश्रा ने कहा कि क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं। कर्म पथ पर जो भी मिला, यह भी सही वह भी सही। मैं लौटकर आऊंगा ये वादा है। उन्होंने भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर दतिया की जनता का आभार व्यक्त किया है। डॉ मिश्रा ने कहा कार्यकर्ताओं के लिए सदैव तत्पर रहेंगे, चुनाव में जीत हार चलती रहती है। शायद हमारे विकास कार्य या अन्य कार्य जनता को पसंद नहीं आए। लेकिन कार्यकर्ताओं को हताश होने की जरूरत नहीं है मैं फिर वापस आऊंगा।

जनता का निर्णय हमेशा सही होता है
मिश्रा ने कहा कि मैं दतिया की जनता को प्रणाम करता हूं। उनके सहयोग के लिए ग्रामीण और शहर की जनता का आभार व्यक्त करता हूं। मिश्रा बोले कि किसी ने कहा है न, क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत मैं। कर्म पथ पर जो भी मिला, यह भी सही वह भी सही। ये माननीय अटल जी पक्तियां हैं। देखिए जनादेश को हमेशा माथे पर लेना चाहिए और जनता का निर्णय हमेशा सही होता है। हो सकता है कि जनता की नजर में हम सही विकास नहीं कर पाए हों। इसलिए आने वाले को अवसर देना चाहिए कि वह हमसे अच्छा काम कर सके।

कोई न कोई त्रुटि तो हुई है हमसे
भाजपा नेता ने आगे कहा कि जनता का ऐसा सोचना होगा कि हम जनता की सेवा शायद अच्छी न कर पाए हों। कही न कही कोई न कोई त्रुटि तो हुई है हमसे, हमें इसकी समीक्षा करनी चाहिए। इतना जरूर मैं आप सबको आश्वस्त करना चाहता हूं कि सरकार आपकी है, ललकार आपकी है और दरकार भी आपकी है। किसी भ्रम में मत आ जाना, समुद्र का पानी उतरता देखकर किनारे पर घर मत बना लेना। मैं लौटकर आऊंगा ये वादा है। मैं ज्यादा देर तक शांत रहने वाला जीव नहीं हूं। लेकिन उनको अवसर जरूर देना चाहिए।

बता दें कि इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी की लहर के बाद भी गृहमंत्री नरोत्तम को पराजय का सामना करना पड़ा। उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी राजेद्र भारती ने मात्र 7742 मतों से हरा दिया है। इसी के साथ ही मध्यप्रदेश में 12 मंत्रियों समेत कई पूर्व मंत्रियों को भी इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। पराजित प्रत्याशियों को बीजेपी की लहर में भी हारने के कारणों पर चिंतन मनन कर भविष्य की तैयारी करना पड़ेगी। ऐसे कौन से कारण है जिससे जनता का मन जीत नहीं पाए।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER