जबलपुर। मध्ययप्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे रविवार को आ गए हैं। भाजपा ने जहां बंपर जीत दर्ज की है। वहीं कांग्रेस को निराशाजनक हार का सामना करना पड़ा है। चौंकाने वाली बात यह भी है कि कांग्रेस का अभेद्य किला माने जाने वाले महाकौशल में भी बड़ी सेंध लगाई है। यहां की 38 सीटों में से भाजपा ने जहां 21 सीटों पर कब्जा किया है। वहीं कांग्रेस को 17 सीटें ही मिल सकीं। हालांकि छिंदवाड़ा जिले में मप्र के पूर्व सीएम कमलनाथ का जादू बरकरार रहा। जिले की सभी सात सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने सभी सीट पर जीत हासिल की थी।
वहीं जबलपुर की बात करें तो यहां की आठ विधानसभा सीट में से भाजपा ने सात सीट पर जीत हासिल की। एक सीट कांग्रेस के खाते में गयी। पिछले विधानसभा चुनाव में जबलपुर में कांग्रेस व भाजपा ने चार-चार सीट पर जीत हासिल की थी। कटनी तथा नरसिंहपुर जिले में कांग्रेस पार्टी का पूरी तरह से तरह सफाया हो गया है। दोनों जिलों की चार-चार विधानसभा सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नरसिंहपुर जिले से तीन विधानसभा तथा कटनी जिले में एक सीट पर जीत हासिल की थी।
मंडला में एक सीट पर भाजपा जीती
आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले की तीन विधानसभा सीट में कांग्रेस ने दो तथा भाजपा ने एक सीट पर जीत हासिल की। इस जिले की निवास विधानसभा सीट से केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को पराज्य का सामना करना पड़ा। पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने दो तथा भाजपा ने एक सीट पर जीत हासिल की थी। बालाघाट की 6 विधानसभा सीट में से कांग्रेस ने चार सीट पर जीत दर्ज की। भाजपा को दो सीट पर संतोष करना पड़ा। पिछले विधानसभा चुनाव ने बालाघाट में कांग्रेस ने तीन तथा भाजपा में दो सीट पर जीत दर्ज की थी। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली थी। बालाघाट जिले से कैबिनेट मंत्री गौरी शंकर बिसेन, राज्य मंत्री रामकिशोर कांवरे, खनिज विभाग निगम के अध्यक्ष तथा वर्तमान विधायक प्रदीप जायसवाल को पराज्य का सामना करना पड़ा है। डिंडौरी की दो विधानसभा सीट में से एक सीट कांग्रेस तथा एक सीट भाजपा के खाते में गयी। पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी।