TIO, उज्जैन
उज्जैन में खाचरोद के लेकोड़िया स्थित नंदराज गौशाला से 498 गोवंश लापता होने पर हाहाकार मचा हुआ है। पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने जहां गौशाला पहुंचकर गौशाला में 1028 गोवंश के स्थान पर महज 530 गोवंश होने की बात अपनी रिपोर्ट में लिखी है। वहीं, राजस्व विभाग की टीम भी इसी बात को दोहरा चुकी है कि गौशाला में 1028 गोवंश नहीं हैं। यहां लगभग 498 गोवंश लापता हैं।
मध्यप्रदेश गोसंवर्धन बोर्ड की ओर से प्रति गायों पर 20 रुपये का अनुदान मिलने के इस मामले में श्री नंदराज गौशाला के जिम्मेदार अनुदान तो लेते रहे हैं। लेकिन गौशाला से 498 गोवंश गायब होने के मामले में कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है। जबकि बगलामुखी शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज इस मामले में प्रशासन को कई बार इस गड़बड़ी से अवगत करवा चुके हैं।
उन्होंने पशुपालन एवं डेयरी मंत्री लखन पटेल को भी एक पत्र लिखा है, जिसमें इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की गई है। साथ ही वह जल्द ही उज्जैन आकर कलेक्टर नीरज कुमार सिंह से भी मिलने वाले हैं, जिसमें वह श्री नंदराज गौशाला के मामले में निष्पक्ष जांच करने के साथ ही उज्जैन जिले में संचालित हो रही कुल 81 गौशाला की भी जांच करने की मांग करेंगे।
गौशालाओं में गोवंश की अच्छे से सेवा हो सके, इसी उद्देश्य के साथ मध्यप्रदेश को संवर्धन बोर्ड मध्यप्रदेश में संचालित होने वाली 2573 गौशालाओं को प्रति गोवंश 20 रुपये अनुदान प्रदान करता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इन गौशालाओं में लगभग 4,50,022 गोवंश हैं। लेकिन उज्जैन जिले के खाचरोद के ग्राम लिकोड़िया में संचालित हो रही श्री नंदराज गौशाला में मध्यप्रदेश को संवर्धन बोर्ड की ओर से 1028 गोवंश को अनुदान प्रदान किया जाता है। लेकिन उसके स्थान पर गौशाला में महज 530 गोवंश ही हैं।
गौशाला में 498 गोवंश के गायब होने पर बगलामुखी शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज ने बीते दिनों अपने जन्मदिन पर इन गायब गायों को श्रद्धांजलि देते हुए संतों और अनुयायियों ने शहर मुंडवाकर प्रदर्शन किया था और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। बगलामुखी शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज ने बताया कि यह पशुपालन विभाग द्वारा बनाई गई रिपोर्ट यह बताती है कि गौशाला से 498 गोवंश गायब हैं।
उज्जैन जिले में हैं कुल 81 गौशाला
मध्यप्रदेश को संवर्धन बोर्ड की वेबसाइट देखने पर पता चलता है कि उज्जैन जिले में कुल 81 गौशालाओं का संचालन हो रहा है, जिसमें से उज्जैन में 20, खाचरोद में 11, घटिया में आठ, तराना में 12, बड़नगर में 12 और महिदपुर में कुल 13 गोशाला का संचालन किया जा रहा है। वैसे तो इन सभी गौशालाओं की कुल संख्या 76 है, लेकिन वेबसाइट में इसे 81 बताया जा रहा है।
गौशाला के जिम्मेदारों से मांगा लिखित में जवाब
पशु चिकित्सा विभाग के भूपेंद्र पाटीदार और विक्रम खराड़ी ने बताया कि नौ जनवरी को पशु चिकित्सालय खाचरोद की समिति द्वारा की गई जांच में गौशाला में 530 गोवंश मिले थे। इस रिपोर्ट के बाद राजस्व विभाग को पशु चिकित्सा विभाग द्वारा फिर गौशाला पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया, जिसमें गोवंश की संख्या कुल इतनी ही पाई गई है। उन्होंने बताया कि अब तक गौशाला के जिम्मेदारों ने 1028 गोवंश बताकर ही अनुदान प्राप्त किया है, लेकिन अब 498 गोवंश आखिर कहां गायब हो गए, इस बारे में गौशाला के जिम्मेदारों से लिखित में जवाब मांगा गया है।
नंदराज गौशाला से 498 गायब तो जिले का हाल क्या होगा
बगलामुखी शक्ति पीठाधीश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज ने इस पूरे मामले पर आक्रोश जताते हुए कहा कि खाचरोद की श्री नंदराज गौशाला में ही 498 गोवंश गायब हैं तो फिर ऐसे में स्वत: ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उज्जैन जिले की 81 गौशालाओं में आखिर क्या हो रहा होगा। सरकार भले ही गोवंश के लिए अनुदान दे रही हो, लेकिन कुछ लोग अनुदान मिलने के बावजूद भी गोसेवा नहीं कर रहे हैं। प्रदेश सरकार को चाहिए कि वे पूरे जिले की गौशालाओं की निष्पक्ष जांच करवाए।
संतों ने कार्रवाई की मांग कर कराया मुंडन
खाचरोद में संतो ने गायों के गायब होने का मुद्दा उठाया और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है। संतो ने विरोध में अपने सिरों का मुंडन तक करवा लिया। बगलामुखी के स्वामी कृष्णानंद महाराज ने गायब गायों के लिए श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने मामले में कार्रवाई नहीं करने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी थी, जिसके बाद सरकार की तरफ से जांच करने कमेटी गठित की थी। जांच टीम में शमिल डॉक्टरों ने बताया कि सरकारी रिकॉर्ड और गौशाला में मौजूद गायों की संख्या में अंतर तो है। अंतर का कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि इसका जवाब गौशाला समिति दे सकती है।
गौशालाओं में 4.50 लाख गोवंश
मध्यप्रदेश में कुल एक करोड़ 87 लाख गोवंश पाए गए हैं। राज्य में 2573 पंजीकृत गौशालाएं संचालित हैं। यह स्वयंसेवी संस्थाओं और मुख्यमंत्री गोसेवा योजना के तहत संचालित हो रही हैं। इन गौशालाओं में कुल 4.50 लाख गोवंश रखे गए हैं, जिन्हें अनुदान भी प्रदान किया जाता है। सरकार प्रति दिन गोवंश के अनुसार 20 रुपये अनुदान देती है। सरकार ने गोवंश के अनुदान को 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये किया है।
ऐसी होती गौशाला रजिस्ट्रर
पशुपालन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, गौशालाओं के रजिस्ट्रेशन और अनुदान देने के लिए मध्यप्रदेश गोपालन एवं संवर्धन बोर्ड गठित किया गया है। इस बोर्ड के कामों के क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियां गठित की गई हैं। गौशाला संचालक रजिस्ट्रेशन के लिए जिला समितियों में आवेदन करते हैं। इनके पास कम से कम 100 गोवंश और उनके लिए शेड, बिजली और पानी की व्यवस्था होनी चाहिए। गौपालन एवं पशुधन संवर्धन समितियां रजिस्ट्रेशन के लिए प्राप्त नवीन प्रकरणों का परीक्षण कर समिति की अनुशंसा के साथ मय समस्त दस्तावेजों के प्रकरण बोर्ड में प्रस्तुत करती है। इसके बाद बोर्ड द्वारा नवीन गौशालाओं का पंजीयन किया जाता है।
भोपाल में ही मिल चुकी है बड़ी गड़बड़ियां
राजधानी भोपाल में ही दो साल पहले जीवदया गौशाला में रिकॉर्ड और मौजूद गोवंश की संख्या में हेर-फेर का मामला सामने आया था। यहां पर गोवंश की स्थिति बहुत दयनीय थी। आरोप लगा था कि गोवंश को खाने को सूखा घास दिया जाता है, जिससे उनकी स्थिति लगातार खराब हो रही थी। गौशाला से 100 मीटर की दूरी पर सैकड़ों गौवंश के शव भी मिले थे। इसके अलावा बैरसिया (भोपाल) में भाजपा नेत्री निर्मला देवी शांडिल्य की गौशाला में भी सैकड़ों गायों की मौत हुई थी। पशुपालन विभाग ने गौशालाओं का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की कार्रवाई की थी।
16 नगर निगमों में बनेगी हाईटेक गौशाला, गोवन विहार का भी प्रस्ताव
सरकार शहरों में घूमने फिरने वाले गोवंश के लिए नगर निगमों में हाईटेक गौशाला का निर्माण करने की योजना बनाई है। इसकी भोपाल में शुरूआत हो गई है। यहां पर 10 हजार गोवंश की क्षमता की गौशाला का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह आने वाले समय बाकी 15 नगर निगमों में भी हाईटेक गौशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा सरकार ने हाइवे के करीब 50 से 100 एकड़ में गोविहार बनाने का प्रस्ताव भी सरकार ने तैयार किया है। एक गोविहार पर 18 से 19 करोड़ रुपये खर्च आएगा। इन गोविहार में गोवंश को रखा जाएगा।
गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी
पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन सिंह पटेल ने बताया कि नंदराज गोदाम गौशाला का प्रकरण सामने आया था। उसकी जांच कराई है। हम रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई करेंगे। अनुदान के लिए गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गोविहार बनाने का प्रस्ताव पर काम चल रहा है। भोपाल में हाईटेक गौशाला का निर्माण शुरू हो गया है। गोवंश के कल्याण के लिए सरकार बेहतर काम कर रही है।