TIO, अंबाला (हरियाणा)।

पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच का कल तीसरा दिन था। गुरुवार को दिन भर शांति के बाद देर रात शंभू सीमा पर एक बार फिर टकराव की स्थिती बन गई है। निहंग सिख की पीठ में रबर की गोली लगी है। वह अस्पताल में उपचाराधीन है। पुलिस फोर्स ने आंसू गैस के गोले दागे हैं। बताया जा रहा है कि कुछ निहंग घग्गर के पुल पर बैरिकेड के पास जाकर पुलिसकर्मियों को ललकार रहे थे। समझाने पर नहीं माने तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट का प्रयोग कर उन्हें खदेड़ा है।

इससे पहले अंबाला में शंभू बॉर्डर पर बुधवार देर शाम को अंधेरा होने के बाद किसान शांत हो गए थे और ट्रैक्टर-ट्रालियों में चले गए थे। इस बीच रात को करीब 11 बजे अचानक कुछ किसान बॉर्डर के समीप पहुंचे। इतने में किसानों को समीप आते देखकर पुलिस ने उन्हें पीछे हटने के लिए अनाउंसमेंट की लेकिन वे नहीं मानें। इस पर किसानों व जवानों में अचानक रात को एक बार फिर टकराव की स्थिति बन गई। पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए तो किसानों ने भी पथराव किया।

दरअसल, बुधवार को दोपहर के समय टकराव के दौरान कुछ युवा किसान ट्रैक्टर लेकर आगे बढ़ रहे थे। आंसू गैस के हमलों व रबर की गोलियों के बावजूद यह ट्रैक्टर हरियाणा पुलिस नाके के बेहद करीब पहुंच गया था। ऐसे में जबरदस्त टकराव के बाद किसान ट्रैक्टर छोड़कर वापस लौट गए थे।

बताया जा रहा है कि रात के समय पुलिस नाके से चंद कदम की दूरी पर फंसे ट्रैक्टर को वापस ले जाने का कुछ किसान प्रयास कर रहे थे। तभी सुरक्षाबलों ने उन्हें नजदीक आने से मना किया और नहीं मानने के बाद टकराव शुरू हो गया। तनातनी के बीच करीब एक घंटे तक जोरमाइश चली, जिसके बाद किसान पीछे हटे। हालांकि वह ट्रैक्टर को नहीं निकाल पाए। वीरवार को भी ट्रैक्टर वहीं खड़ा रहा।

अमृतपाल की रिहाई और दीप सिद्धू के दिखे पोस्टर
किसान आंदोलन में गुरुवार को जहां एक तरफ शांति थी, वहीं पंजाब की तरफ कुछ प्रदर्शनकारी अमृतपाल और दीप सिद्धू के समर्थन में पोस्टर लगाते दिखाई दिए। यह पोस्टर एनएचएआई के साइन नेविगेशन बोर्ड पर लगाए जा रहे थे। इसमें अमृतपाल सिंह की रिहाई के बारे में लिखा था तो दीप सिद्धू के पोस्टर पर लिखा था कि यह लड़ाई फसल की नहीं बल्कि नस्ल की है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER