TIO, कोलकाता/नई दिल्ली

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के विरोध में दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर आज स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर ओपीडी करेंगे। 36 अलग-अलग स्पेशलिटीज में सेवाएं देंगे। पश्चिम बंगाल के गवर्नर आनंद बोस रेप-मर्डर केस और बंगाल में कानून व्यवस्था को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। इससे पहले, ट्रेनी डॉक्टर के पिता ने कहा- अंतिम संस्कार के वक्त श्मशान में 4 बॉडी थीं। बंगाल पुलिस ने मेरी बेटी का अंतिम संस्कार सबसे पहले कराया। दरअसल, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी। 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में हिंसा हुई, जिसके बाद डॉक्टरों ने प्रदर्शन तेज किया।

ट्रेनी डॉक्टर की डायरी के पन्ने गायब
ट्रेनी डॉक्टर की मां ने बताया कि उनकी बेटी रोज डायरी लिखती थी। हालांकि, अब सामने आया है कि डायरी के कई पन्ने गायब (फटे) हैं। माना जा रहा है कि पीड़िता की मौत से जुड़ा कोई राज इन पन्नों में छिपा था। मृतका की मां का दावा है कि सबूत मिटाने के मकसद से पन्ने फाड़ दिए गए होंगे। पुलिस ने दूसरे सबूतों के साथ डॉक्टर का लैपटॉप और वह डायरी सीबीआई को सौंप दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि एसआईटी को उस डायरी से इस घटना के बारे में कोई संकेत नहीं मिला था। हालांकि, सीबीआई ने पीड़िता की डायरी को जांच का प्रमुख पहलू बना लिया है।

पिता बोले- CM ममता से संतुष्ट नहीं, मुआवजा नहीं लेंगे
पीड़ित के पिता ने बंगाल सरकार पर घटना को लेकर लोगों के आक्रोश को दबाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘हम सीएम ममता बनर्जी से संतुष्ट नहीं हैं। राज्य सरकार विरोध-प्रदर्शन को दबाने की कोशिश कर रही है। पूरा डिपार्टमेंट इसमें शामिल है। कॉलेज से भी किसी ने हमारी मदद नहीं की। हमने कोई भी मुआवजा लेने से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने खुद नोटिस लिया, 20 अगस्त को सुनवाई
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने रविवार (18 अगस्त) को स्वत: नोटिस लिया। 20 अगस्त को सुबह 10.30 बजे चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच मामले की सुनवाई करेगी। बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस जेबी पादरीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा रहेंगे।

मेडिकल कॉलेज के पास धारा 163 लागू
कोलकाता पुलिस ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास आज (18 अगस्त) से भारतीय न्याय संहिता की धारा 163 (पहले सीआरपीसी की धारा 144) लागू कर दी है। इस आदेश में कहा गया है कि अगले 7 दिनों (24 अगस्त) तक धरना-प्रदर्शन पर रोक रहेगी। 5 से ज्यादा लोगों के जुटने, हथियार लेकर जाने या तनाव पैदा करने वाली किसी भी गतिविधियों की अनुमति नहीं होगी।

केंद्र ने डॉक्टरों के लिए कमेटी बनाने का आश्वासन दिया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 17 अगस्त को बयान जारी कर कहा- डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी। सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे। केंद्र के फैसले के बाद आईएमए ने भी बयान जारी किया। इसमें कहा गया, ‘आइएमए सभी पहलुओं पर सावधानीपूर्वक विचार करने और अपनी सभी स्टेट ब्रांच से सलाह लेने के बाद जवाब देगा। हम हेल्थ मिनिस्ट्री की ओर से जारी स्टेटमेंट की स्टडी कर रहे हैं।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER