TIO, वॉशिंगटन

कथित तौर पर हमास का समर्थन करने के लिए जिन भारतीय शोधकर्ता पर निर्वासन की तलवार लटक रही थी, उन्हें अब अमेरिका के एक जज ने बड़ी राहत देते हुए उनके निर्वासन पर फिलहाल रोक लगा दी है। बद्र खान सूरी वॉशिंगटन डीसी की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक्टरल फेलो हैं। बद्र खान सूरी पर बीते दिनों अमेरिका में हमास के समर्थन में हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान आतंकी संगठन का समर्थन करने का आरोप लगा है। ट्रंप सरकार हमास समर्थकों को देश से निर्वासित कर रही है, जिसके बाद बद्र खान सूरी को भी हिरासत में लिया गया है।

भारतीय शोधकर्ता पर ये हैं आरोप
बद्र खान सूरी ने अपने निर्वासन के खिलाफ अदालत में अपील की। अब गुरुवार को वर्जीनिया अदालत की जज पैट्रिसिया टोलिवर जाइल्स ने अपने आदेश में बद्र खान सूरी के निर्वासन पर अदालत के अगले आदेश तक रोक लगा दी है। बद्र सूरी को लुइसियाना के एक डिटेंश सेंटर में हिरासत में रखा गया है। अमेरिका के मानवाधिकार संगठन अमेरिकन सिविल लिबर्ट्रीज यूनियन ने भी इस मामले में एक याचिका दायर की थी। बद्र खान सूरी को सोमवार को उनके अर्लिंगटन स्थित आवास से हिरासत में लिया गया था। अमेरिका के आंतरिक सुरक्षा विभाग होमलैंड सिक्योरिटी विभाग का दावा है कि बद्र खान सूरी हमास का प्रोपेगेंडा फैला रहे थे और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोध को बढ़ावा दे रहे थे। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग का आरोप है कि बद्र खान सूरी के हमास के साथ संबंध भी हैं।

फलस्तीनी मूल की है पत्नी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूरी के वकील हसन अहमद ने अपनी याचिका में तर्क दिया कि सूरी को उनकी फलस्तीनी मूल की पत्नी की विरासत के कारण दंडित किया जा रहा है। उनकी पत्नी मेफेज सालेह गाजा मूल की हैं। फिलहाल वह जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय के समकालीन अरब अध्ययन केंद्र में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं। उन्होंने फलस्तीन स्थित गाजा के इस्लामिक विश्वविद्यालय से पत्रकारिता और सूचना में स्नातक की डिग्री ली है। उन्होंने भारत में नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया में नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रेजोल्यूशन से संघर्ष विश्लेषण और शांति स्थापाना में मास्टर्स डिग्री भी प्राप्त की है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER