तेल अवीव। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बीते 109 दिनों से जारी लड़ाई को खत्म करने के मूड में नहीं हैं। उन्होंने हमास के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के मामले में कहा है कि इस्राइली सैनिकों के पास जीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प ही नहीं है। समाचार एजेंसी एनआईए की रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में साफ किया कि विश्लेषण करने वाले लोगों की राय से उन्हें खास फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने कहा कि जीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। बता दें कि पश्चिम एशिया / मध्य पूर्व और सामरिक मामलों के कई जानकार इस्राइल की जीत को असंभव और जरूरी नहीं मानते। हालांकि, ट्रंप का कहना है कि उन्हें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।

सैनिकों के पास पहुंचे प्रधानमंत्री नेतन्याहू
इस्राइली सेना के इलियाकिम बेस का दौरा करने पहुंचे पीएम नेतन्याहू ने कंपनी कमांडरों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में कैडेटों और रिजर्विस्ट दोनों से मुलाकात की। सेना के इस ट्रेनिंग सेंटर के उप कमांडर कर्नल शेरोन एल्टिट ने प्रधानमंत्री को लड़ाकू कंपनी कमांडरों को दी जाने वाली ट्रेनिंग के बारे में विस्तार से बताया। पीएम नेतन्याहू ने प्रशिक्षण हासिल कर रहे कैडेटों से भी बात की।

‘पूर्ण जीत से कम स्वीकार नहीं’
उन्होंने गाजा में बीते 109 दिनों से जारी युद्ध में हुई प्रगति की जानकारी भी ली। पीएम नेतन्याहू ने दक्षिण, उत्तर और यहूदिया और सामरिया में जारी सैन्य गतिविधि को लेकर सरकार की नीति के बारे में सैनिकों को भी जानकारी दी। उन्होंने दो टूक लहजे में कहा, ‘पूर्ण जीत से कम उन्हें किसी और चीज की उम्मीद नहीं।’

जीत अनावश्यक नहीं, सबसे जरूरी
नेतन्याहू ने कहा, युद्ध में जीत का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। विश्लेषकों और टिप्पणीकारों का मानना है कि यह असंभव और अनावश्यक है। हालांकि, उनकी नजर में यह संभव होने के साथ-साथ जरूरी भी है। नेतन्याहू ने दोहराया कि पूर्ण जीत का कोई दूसरा विकल्प है ही नहीं।

आईडीएफ के सैनिकों के कंधे पर पूरे देश की जिम्मेदारी
प्रधानमंत्री नेतन्याहू के आक्रोश का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने हमास के हमलावरों को राक्षस बताया है। उन्होंने कहा कि ये राक्षस जरूर हारेंगे। उन्हें इस्राइली सैनिकों की क्षमता पर भरोसा होने के साथ-साथ जीत की आशा भी है। नेतन्याहू ने कहा, उन्हें यकीन है कि कऊऋ के सैनिक भी इसी लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कमांडर बनना आसान नहीं है, लेकिन आपने इस जिम्मेदारी को बखूबी संभाला है। हर एक सैनिक के कंधों पर पूरे इस्राइल का भाग्य है। इसे अतिश्योक्ति नहीं समझा जाना चाहिए।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER