TIO, यरुशलम

सीरिया में बशर अल-असद की सत्ता खत्म होने के बाद भी इस्राइल उसके कब्जे वाले इलाके को खाली नहीं करेगा। इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को सीरिया की कब्जाई गोलन पहाड़ियों पर स्थिति साफ की। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र अनंतकाल तक इस्राइल का ही रहेगा।

गौरतलब है कि इस्राइल ने 1967 के युद्ध के बाद सीरिया की गोलन पहाड़ियों पर कब्जा कर लिया था। अब 57 साल बाद भी इस्राइल इन कब्जों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। यरुशलम में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान नेतन्याहू ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी शुक्रिया अदा किया और पहले कार्यकाल में गोलन पहाड़ियों पर इस्राइल के कब्जे को मान्यता देने के लिए उनकी तारीफ की। गौरतलब है कि इस्राइल के इस कब्जे को अधिकतर अंतरराष्ट्रीय समुदाय अभी भी मान्यता नहीं देता

संयुक्त राष्ट्र ने कब्जे को ठहराया अवैध
इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को इस्राइल की तरफ से सीरिया के गोलन पहाड़ी पर कब्जा बढ़ाने को समझौतों का उल्लंघन करार दिया। यूएन के प्रवक्ता ने कहा कि इस्राइली सेनाएं जो कि पहले ही गोलन पहाड़ियों पर कब्जा कर चुकी हैं, वह बफर जोन में भी आगे बढ़ रही है। यह 1974 में इस्राइल-सीरिया के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजैरिक ने कहा, “यूएन के शांति बल- यूएनडीओएफ जो कि गोलन पहाड़ियों पर तैनात हैं, कि तरफ से इस्राइल को सूचना दी है कि यह समझौतों का उल्लंघन है।” उन्होंने बताया कि इस्राइल के कब्जे के बाद सीरिया के क्षेत्र में जो बफर जोन बनाया गया था, अब वहां पर तीन जगहों पर इस्राइली सेना घुस गई है।

नेतन्याहू ने दिए थे जमीन पर कब्जा बढ़ाने के निर्देश
सीरिया में असद सरकार के पतन और विद्रोहियों के सत्ता पर कब्जे के बाद नेतन्याहू ने एलान किया था कि उन्होंने अपनी सेना से गोलन पहाड़ियों के पास मौजूद सीरिया के असैन्य क्षेत्रों को जब्त करने के लिए कहा है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER