दावोस। भारत लैंगिक मुद्दे पर गंभीर है। नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी भारत ने सुनिश्चित किया था कि लैंगिक मुद्दे पर मुख्यधारा में चर्चा की जाए। यह कहना है कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का। ईरानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और कहा कि महिलाओं के मुद्दे पर ठोस नीतिगत कार्रवाई की आवश्यकता है।
लैंगिक मुद्दे को हमेशा दरकिनार किया गया
दावोस में मंगलवार को ईरानी ने विश्व आर्थिक मंच में भारतीय उद्योग परिसंघ को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत ने नई दिल्ली जी20 के दौरान यह सुनिश्चित किया कि लैंगिक मुद्दा हाशिए पर न जाए। भारत की अध्यक्षता से पहले लैंगिक मुद्दे को हमेशा दरकिनार किया गया। लेकिन पीएम मोदी इसे केंद्र में लेकर आए। उन्होंने दुनिया भर से लैंगिक मुद्दे पर गंभीरता दिखाने के लिए अनुरोध किया। ईरानी ने आगे कहा कि भारत फिलहाल अच्छी स्थिति में हैं फिर चाहे वह कोई भी क्षेत्र हो। महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर एआई और तकनीकी मुद्दा भारत सबसे अव्वल है। भारत ने कोविन जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म को विकसित है।
पीएम मोदी के दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व को दुनिया ने सराहा
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने हरित ऊर्जा परिवर्तन, शुद्ध-शून्य लक्ष्य और ऊर्जा पर्याप्तता की दिशा में भारत के चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। दुनिया अब वैश्विक मंच पर भारत के ऊर्जा क्षेत्र के उद्भाव और जबरदस्त क्षमता को स्वीकार कर रही है। पीएम मोदी के दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व के तहत देश में विभिन्न परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। पीएम मोदी के नेतृत्व में उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत अभियान, हर-घर जल, पीएम स्वनिधि अमृत और पीएमएवाई जैसी कई योजनाओं को शुरू किया गया। भारत अब दुनिया का विकास इंजन बन गया है। भारत वैश्विक दक्षिण के देशों की चुनौतियों का समाधान प्रदान कर रहा है।
19 जनवरी तक चलेगा सम्मेलन
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की पांच दिवसीय वार्षिक बैठक 15 जनवरी से शुरू हुई, जो 19 जनवरी तक चलेगी। इसमें साठ से ज्यादा देशों और सरकारों के प्रमुखों सहित दुनियाभर के 2,800 से ज्यादा नेता सम्मिलित हुए हैं। कार्यक्रम में भारत के लगभग 100 सियासी और व्यापारिक नेता शामिल हुए हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल में तीन केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, अश्विनी वैष्णव और हरदीप सिंह पुरी के साथ तीन मुख्यमंत्री महाराष्ट्र के एकनाथ शिंदे, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी और कर्नाटक के सिद्धारमैया शामिल हुए हैं।