TIO, बेरुत।
लेबनान में भारत के राजदूत नूर रहमान शेख ने भारत द्वारा भेजी गई मानवीय सहायता की पहली किस्त लेबनान को सौंप दी है। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री फिराद अबियाद ने दवाओं की खेप प्राप्त की। भारतीय दूतावास ने लेबनान के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भारतीय दूतावास ने इसकी जानकारी दी। 18 अक्तूबर को भारत ने दक्षिणी लेबनान में जारी तनाव के बीच मानवीय सहायता भेजी थी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लेबनान में भारतीय दूतावास ने कहा, “भारत की तरफ से मानवीय सहायता की पहली किस्त बेरूत पहुंची। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. फिरास अबियाद ने राजदूत नूर रहमान की उपस्थिति में दवाओं की खेप प्राप्त की। भारत लेबनान के साथ संबंधों को मतबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। दक्षिणी लेबनान में जारी तनाव के बीच भारत ने 18 अक्तूबर को लेबनान को 11 टन चिकित्सा आपूर्ति की पहली किस्त भेजी थी। कुल 33 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी जा रही है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयसवाल ने एक्स पर कहा, “भारत ने लेबनान को मानवीय सहायता भेजी। कुल 33 टन चिकित्सा आपूर्ति भेजी जा रही है। आज चिकित्सा आपूर्ति की पहली किस्त भेज दी गई है। इसमें हृदय संबंधी दवाएं, एनएसएआईडी (गैर-स्टेरायडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं), एंटी-इंफ्लेमेटरी एजेंट, एंटीबायोटिक्स और एनेस्थेटिक्स शामिल हैं।”
लेबनानी दूत ने की भारत की सराहना
भारत में लेबनान के राजदूत रबी नर्श ने पश्चिमी एशिया में बढ़ते तनाव के बीच भारत की मानवीय सहायता पर जोर दिया। युद्ध पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए 18 अक्तूबर को उन्होंने कहा था, “युद्ध शुरू होने के बाद से लेबनान में मानवीय सहायता की बाढ़ आ गई थी। लेबनान की सहायता करने में भारत सबसे ऊपर है। भारत हमारा अच्छा दोस्त है। 70-80 साल से अधिक वर्ष पहले दोनों देशों की आजादी के बाद से ही हमारे संबंध मजबूत रहे हैं।” उन्होंने भारत का समर्थन करते हुए कहा, “हमारे बोलने से पहले ही भारत मानवीय सहायता के लिए आगे आया। भारत ने 30 टन दवाओं की पेशकश की है। भारत हमेशा से ही हमारा समर्थन करता रहा है। हम अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अच्छे संबंधों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।”
लेबनानी दूत ने मध्य-पूर्व में जारी संघर्ष पर चिंता जताई। उन्होंने इस्राइल के लिए अमेरिका के समर्थन पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका को इस्राइल के समर्थन पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। लेबनानी दूत ने कहा कि इजरायल के सबसे मजबूत सहयोगी अमेरिका के पास इजरायल को रोकने और युद्ध को समाप्त करने की शक्ति है।