TIO, लखनऊ।

देश में मुख्य विपक्षी इंडिया गठबंधन को मजबूत करने की तैयारियां नए सिरे से शुरू की जाएंगी। इसके तहत क्षेत्रीय दलों की भूमिका बढ़ाई जाएगी। गठबंधन की शीघ्र ही दिल्ली में बैठक होगी जिसमें महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा होगी।

दरअसल, इंडिया गठबंधन को लेकर समय-समय पर उसके घटक संगठनों के भीतर से ही खिलाफ के स्वर आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के नेता तेजस्वी यादव ही गठबंधन की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं। गठबंधन के सूत्र बताते हैं कि इन सबके उलट सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन को मजबूत करने की रणनीति बनाई है। सपा ने फॉमूर्ला दिया है कि इंडिया गठबंधन में क्षेत्रीय दलों की भूमिका को बढ़ाया जाए। तृणमूल कांग्रेस पहले ही कह चुकी है कि गठबंधन का नेतृत्व ममता बनर्जी को दिया जाए। सूत्र बताते हैं कि ममता बनर्जी को संयोजक बनाए जाने पर सपा को भी कोई आपत्ति नहीं होगी।

कांग्रेस का शेयर होगा ज्यादा
इससे पहले राजग में भी दूसरे-तीसरे नंबर के राजनीतिक दलों को यह जिम्मेदारी मिलती रही है। समाजवादी नेता जार्ज फर्नांडीज और शरद यादव भी राजग के संयोजक की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इसलिए क्षेत्रीय दलों का मानना है कि इंडिया गठबंधन में भी यह प्रयोग करने में कोई हर्ज नहीं है। कोशिश है कि राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उस राज्य के सबसे बड़े विपक्षी दल के नेतृत्व में काम करे। वहीं, जब भी लोकसभा चुनाव हों तो राष्ट्रीय राजनीति के मद्देनजर सीटों का बंटवारा हो। जाहिर है कि इसमें कांग्रेस का शेयर ज्यादा रहेगा।

इंडिया गठबंधन में शामिल सपा सूत्र बताते हैं कि शीघ्र ही गठबंधन की समन्वय समिति की बैठक होगी। इसमें सभी घटक दलों के प्रमुख नेता शामिल होंगे। सभी मुद्दों पर विस्तार से बात होगी। हर बैठक में अगली बैठक की संभावित तिथि व माह की भी घोषणा की जाएगी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER