शशी कुमार केसवानी

नवरात्रि हर वर्ष नई खुशियां, नया उत्साह लेकर तो आती ही है, साथ में आने वाले कई त्योहारों की सौगात भी देकर जाती है। नवरात्रों में जहां लोग सात्विक और शुद्ध शाकाहारी हो जाते हैं। साथ में शाकाहारी व्यंजन वो भी सेंधे नमक के साथ में बने फलाहारी और खाने में एक ऐसा स्वाद समा जाता है, जो दिलों दीमाग में बसने के साथ-साथ एक अलग ताजगी भी देता है। इस बार मैंने लगभग दस जगह का स्वाद चखा। पर हमें जो थाली पायरेट्स आॅफ ग्रिल मिली वह वाकई में एक अद्भुत स्वाद के साथ साथ, जिस तरह से प्रेजेंटेशन था थाली जिस तरह से भरी थी, उसके हिसाब से तो यह कह सकता हूं कि भोपाल में नंबर वन थाली थी। हर डिश का अपना एक अलग स्वाद था।

बटर मिल्क का एक ऐसा स्वाद था जो शायद कम जगह ही मिल पाएगा। अरबी की शामी मैंने शायद पहले इस तरह की अरबी कभी नहीं खाई। पर इस बार खाकर एहसास हुआ कि ऐसी चींजें खाते रहने चाहिए। वहीं काजू मलाई पनीर टिक्का का स्वाद बाकी के पनीर टिक्कों से एकदम अलग था। साबूदाना फ्राइज विथ पुदीना चटनी यह अपने आप में एक ऐसा स्वाद था, जिसे मैं हमेशा खाना चाहूंगा। साबूदाना पापड़ भी अपने आप में मजेदा था। अंजीर काजू कोफ्ता करी का स्वाद तो आमतौर पर नहीं मिलता उसे खाने के बाद यह एहसास हो गया कि कभी कभी कुछ अलग स्वाद आपको अलग ही मजा देते हैं। और साथ में एक पवित्रता का एहसास भी कराते हैं। पालक पनीर घी तड़का यह ऐसा स्वाद था जो नवरात्रि का अलग से एहसास करा रहा था। समक जीरा पुलाव इसकी बनावट पर बहुत मेहनत की गई थी जो स्वाद में महसूस हो रहा था। जीरा आलू मसाला व्रत का एहसास करा रहा था। और एक शुद्ध स्वाद के साथ खाने का अलग आनंद आ रहा था। कुट्टू की पूड़ी भी अपने आप में अलग ही स्वाद दे रही थी।

सोने पे सुहागा तो तब हो गया जब मीठे में तीन डिसेस खाने को मिल गईं। मिंट अनार रायता खाने के साथ तो आनंद दे ही रहा था पर अलग से भी खाने में मजा आ रहा था। काजू केसर साबूदाना खीर यह अपने आप में इस तरह से बनी थी कि इसको खाने के बाद फिर कोई इच्छा नहीं रह जाती। मुश्किल यह है कि उससे बढ़कर फ्रूट क्रीम ऐसी अद्भुत जिसे खाने के बाद तो आदमी दीवाना ही हो जाए। आखिर में कलाकंद देखकर ही भरा पेट होने के बाद भी आदमी रुक न सके। ऐसे स्वाद तो मैंने कही और न लिए। साथ में खूबी यह भी कि किचिन के अलग हिस्से में शुद्धता से बनाया गया यह खाना अलग ही ऐहसास करा रहा था। थाली ऐसी की आप जितना खाना चाहे खा सकते हैं। बदलाव करनी की भी पूरी गुंजाइश रहती है, क्योंकि यह खाना उसी समय तैयार किया जाता है। इसलिए मैं कह रहा हूं कि मेरी नजर में नंबर वन की थाली यही है। इसका स्वाद आपने न लिया तो बहुत कुछ छोड़ दिया।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER