रंजन श्रीवास्तव
अंग्रेजी में एक बहुत ही प्रचलित कहावत है- ट्रुथ इज स्ट्रेंजर दैन फिक्शन। नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी-सोनम रघुवंशी की घटना ऐसी ही है। इंदौर के ट्रांसपोर्ट व्यापारी राजा रघुवंशी की निर्मम हत्या उनकी शादी के तुरंत बाद और वो भी उनकी पत्नी द्वारा किया जाना जैसा कि पुलिस ने बताया है एक ऐसी घटना है जिसको जानकार देश के वे करोड़ों लोग सदमें में हैं जो इस नवविवाहित जोड़े के मेघालय की पहाड़ियों से गायब होने की सूचना के बाद दिन रात उनकी सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे- पहले राजा रघुवंशी के लिए और 2 जून को चेरापूंजी में उनका शव मिलने के बाद उनकी पत्नी सोनम के लिए क्योंकि सोनम तभी से लापता थी और लगातार सर्च ऑपरेशन के बाद भी ना वो जिन्दा मिल रही थी और ना ही मृत।
हनीमून के लिए नार्थ ईस्ट की पहाड़ियों में गए इस नवविवाहित जोड़ी में एक पार्टनर ही दूसरे पार्टनर की हत्या करेगा शादी के दो हफ़्तों के अंदर ही, ये किसने सोचा था। दो महीने पहले ही मेरठ की खबर ने सबको झकझोर दिया था जहाँ 29 वर्षीय सौरभ राजपूत की हत्या उनकी पत्नी 27 वर्षीया मुस्कान ने कथित रूप से अपने प्रेमी के साथ मिलकर किया था। दोनों घटनाओं में समानता सिर्फ यह नहीं है कि सौरभ राजपूत और राजा रघुवंशी की पत्नियों ने अपने प्रेमियों के साथ साजिश रचकर अपने पतियों को मौत के घाट उतारा बल्कि समानता यह भी है कि इन दोनों घटनाओं में अपनी अपनी पत्नी के सुनियोजित षड़यंत्र के शिकार पति आर्थिक रूप से संपन्न थे और देखने में भी सुन्दर और स्मार्ट थे।
इसलिए यह नहीं कहा जा सकता था कि हत्या के आरोपी महिलाओं को यह शिकायत थी कि उनकी शादी ऐसे व्यक्तियों से हो गयी जो ना तो आर्थिक रूप से संपन्न थे और ना ही देखने में स्मार्ट और सुन्दर।
वैसे इसका मतलब यह भी नहीं कि अगर पति या पत्नी आर्थिक रूप से सम्पन्न ना हों या देखने में स्मार्ट और सुंदर ना हों तो उनके पार्टनर को यह सोचना भी चाहिए कि उन्हें रास्ते से हटा दिया जाए। दूसरा, अब वो जमाना भी नहीं रहा कि कोई व्यक्ति अपनी भावी पत्नी को बिना देखे या कोई लड़की अपने भावी पति को बिना देखे और एक दूसरे के बारे में और उनके परिवार के बारे में बिना जानकारी किये हुए शादी के बंधन में बंध जाएँ। इन दोनों घटनाओं में घरेलु हिंसा या प्रताड़ना का भी मामला नहीं था। और आश्चर्यजनक तथ्य यह भी है कि इन दोनों घटनाओं में हत्या के आरोपी महिलाओं के कथित प्रेमी जिन्होंने हत्या की साजिश इन महिलाओं के साथ मिलकर की दोनों का बैकग्राउंड ऐसा नहीं कि वे हत्या के शिकार पतियों के तुलना में आर्थिक या शारीरिक आकर्षण के स्तर पर कहीं से भी बेहतर हों या समकक्ष भी हों।
गहरा चिंतन का विषय यह है कि भले ही ऐसी घटनाएं आम घटनाएं नहीं हैं पर सिर्फ दो महीने के अंतराल के दौरान दो पड़ोसी प्रदेशों में घटित हुए इन दोनों घटनाओं को एक अलग थलग हुई घटना के रूप में भी चिन्हित नहीं किया जा सकता क्योंकि देश में अन्य जगहों से भी विभिन्न समय काल में घटित ऐसी घटनाएं लगातार सामने आती रही हैं नियमित अंतराल पर। इन घटनाओं ने सामाजिक व्यवस्था, घर में और स्कूल में बच्चों को शिक्षा और संस्कार देने की प्रक्रिया, विवाह के पूर्व दो परिवारों के बीच सम्बन्ध बनने के पूर्व एक दूसरे को जानने और समझने की प्रक्रिया, विवाह के पश्चात पति पत्नी के बीच संबंधों की पवित्रता, पश्चिमी सभ्यता का अंधाधुंध अनुकरण, स्मार्ट फ़ोन और उसके जरिये मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली चौबीसों घंटे आने वाली अच्छी और बुरी सूचना और कंटेंट, पोर्नोग्राफी को इंटरनेट पर रोकने में सरकार की नाकामी, समाज में ड्रग और शराब का बढ़ता हुआ चलन और अनेक इससे जुड़े विषयों पर गंभीर सामाजिक बहस की जरूरत को रेखांकित किया है। सोनम रघुवंशी भी एक व्यापारी के परिवार की बेटी है अतः उसकी शिक्षा में कम से कम आर्थिक समस्या तो नहीं ही रही होगी। एक अन्य जुड़ा विषय समाज की गहराई में घुसा हुआ हमारा अन्धविश्वास भी है।
राजा रघुवंशी की हत्या के पीछे एक प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि ज्योतिष के हिसाब से सोनम रघुवंशी मांगलिक है। उसकी शादी ज्योतिषियों के अनुसार किसी मांगलिक से ही हो सकती है। पर सोनम के दृष्टि में समस्या यह थी कि उसका कथित प्रेमी राजा कुशवाहा मांगलिक नहीं है और आर्थिक और सामाजिक दृष्टि से भी समाज में उसका वह स्तर नहीं है जो कि सोनम के परिवार का है। इस दृष्टि से भी और उसमें वह हिम्मत भी नहीं थी की वह शादी राज कुशवाहा से करने की बात अपने माता पिता से कर पाती। अतः उसने एक मांगलिक जो कि राजा रघुवंशी थे से शादी करना मंजूर किया जिससे कि वो बाद में राजा रघुवंशी की हत्या करके विधवा बन जाए और चूँकि समाज में एक विधवा की शादी मुश्किल से होती है अतः उसे आशा थी कि उसके माता पिता उसकी शादी उसके प्रेमी राज कुशवाहा से करा देंगे।
कई लोगों की नज़र में ज्योतिष सिर्फ अन्धविश्वास है पर बहुतों की नज़र में यह एक जीवन का विज्ञान है जिसका अनुसरण करके ही वो कोई भी कार्य आरम्भ करते हैं या नहीं करने का निर्णय लेते हैं। पर ज्योतिष यह कभी भी नहीं कहता कि अपने अच्छे या बुरे लक्ष्य को पाने के लिए नरबलि दी जाए। सोनम ने नरबलि का रास्ता चुना और दुर्भाग्य से उसकी नरबलि की इच्छा का शिकार एक ऐसा युवक बना जो कि उसकी तरह शातिर दिमाग का नहीं था और उसने अपने पत्नी पर अटूट विश्वास करते हुए उसकी इच्छा के लिए अपने माता पिता तथा भाइयों के निर्देशों की अवहेलना करते हुए शिलांग की यात्रा पर चला गया।
राजा रघुवंशी सोचा होगा कि जिसके साथ जीवन बिताना है उसकी इच्छा की अवहेलना कैसे करे। उसे कैसे पता हो सकता था कि उसकी जीवन साथी ही जिसके साथ उसने जीवन बिताने का सपना देखा और उसे साकार होता हुआ देख रहा था, उसके जीवन का अंत करने वाली है आने वाले सिर्फ 72 घंटों में उन खूबसूरत पहाड़ियों, आश्चर्यजनक झरनों और घाटियों के बीच जहाँ के हरे भरे दृश्य, मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्राकृतिक सुंदरता और पहाड़ों के शिखर को बादलों को छूते हुए देखने का रोमांच बड़े से बड़े कठोर ह्रदय को भी पिघलाने की क्षमता रखते हैं।
लेखक के अपने निजी विचार हैं