TIO, चंडीगढ़।
विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस में 20 सीटों पर प्रत्याशियों को लेकर सहमति बन गई है। इनमें अधिकतर मौजूदा विधायक और दिग्गज नेताओं की सीटें हैं। बुधवार को अजय माकन की अध्यक्षता में दिल्ली में हुई कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में चर्चा के बाद इनके नामों पर मुहर लग गई। अब कांग्रेस किसी भी दिन प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर सकती है। उधर, अजय माकन लगातार प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ सीटों पर चर्चा के साथ दावेदारों के बारे में फीडबैक ले रहे हैं। बुधवार को सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने माकन से मुलाकात की।
स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक शुरू होने के बाद अब लगातार चार दिनों तक ये बैठकें जारी रहेंगी। इन बैठकों में शेष 70 सीटों पर मंथन किया जाएगा। कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान की ओर से सभी 90 विधानसभा हलकों के लिए पैनल तैयार करके स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन को सौंप दिए हैं।
बुधवार को 20 सीटों पर पैनलों पर चर्चा हुई और एक एक सीट पर मंथन के बाद एक-एक नाम तय कर दिए। सांसदों, लोकसभा प्रत्याशियों और अन्य दिग्गज नेताओं के साथ बैठकें करने के बाद पार्टी हाईकमान इस नतीजे पर पहुंची है कि अधिकतर विधायकों को टिकटें दी जाएंगी, केवल उन विधायकों की टिकटें काटी जाएंगी, जिन पर कोई दाग होगा या फिर उनके खिलाफ हलके में एंटी इंकम्बेंसी होगी। मौजूदा 28 में से 20 विधायकों की सीटें तय हो गई हैं।
कांग्रेस में सांसदों के चुनाव लड़ने पर रार, सैलजा-सुरजेवाला ठोक सकते हैं ताल
एक तरफ भाजपा में सांसदों और लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों को विधानसभा चुनाव में उतारने को लेकर मंथन चल रहा है, तो दूसरी ओर कांग्रेस में स्थिति बिलकुल उलट है। हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी दीपक बाबरिया ने बुधवार को साफ कर दिया कि सांसदों को विधानसभा चुनाव के पैनल में शामिल नहीं किया जाएगा। यदि पार्टी का कोई सांसद हरियाणा में विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता है तो पहले उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अनुमति लेनी होगी।
बावरिया के इस बयान के बाद से हरियाणा कांग्रेस की सियासत गर्मा गई है। बाबरिया के बयान पर सिरसा से कांग्रेस सांसद और पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव कुमारी सैलजा ने कहा कि मैं तो विधानसभा चुनाव लड़ूंगी और इसके लिए हाईकमान से अनुमति भी ले लूंगी। वहीं, राजस्थान से राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला का कहना है कि वह पहले ही कह चुके हैं कि हाईकमान जो तय करेगा, उसके अनुसार ही फैसला लिया जाएगा।
हरियाणा में पिछले दस साल से सत्ता से बाहर कांग्रेस को इस बार विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर प्रदेश के शीर्ष नेताओं में रस्साकसी जारी है। एक गुट की ओर से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम पद का दावेदार पेश किया जा रहा है। कुमारी सैलजा और रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उनके सामने ताल ठोक कर हुड्डा खेमे की टेंशन बढ़ा दी है।
हालांकि कांग्रेस हाईकमान ने किसी को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के सामने सैलजा और सुरजेवाला दोनों ही विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कह चुके हैं। वहीं, पार्टी का एक खेमा सांसदों को विधानसभा चुनाव से दूर रखने की रणनीति पर काम कर रहा है। हरियाणा में कांग्रेस के पांच सांसद हैं। इनमें से सैलजा को छोड़कर जेपी, वरुण चौधरी, सतपाल ब्रह्मचारी और दीपेंद्र हुड्डा पूर्व सीएम हड्डा खेमे से हैं।
जाट-दलित वोट बैंक को साधने की कोशिश
कांग्रेस की परंपरा रही कि वह विधानसभा चुनाव से पहले सीएम चेहरा घोषित नहीं करती। हरियाणा में इसके पीछे एक कारण ये है कि कांग्रेस की मंशा है कि हुड्डा व सुरजेवाला खेमे के दम पर जाट समाज के वोट हासिल किए जाएं और सैलजा के चेहरे पर दलित वोट बैंक को साधा जाए। इसलिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सैलजा और सुरजेवाला के अलग-अलग रैलियां करने पर भी हाईकमान ने न तो कोई हिदायत दी और न ही किसी नेता को चेतावनी दी। तीनों ही नेता सीएम पद के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं।
बाबरिया पर एक पक्ष ही सुनने के लग चुके आरोप
कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी दीपक बाबरिया पर कुमारी सैलजा की ओर से पहले भी एक ही पक्ष की बात सुनने के आरोप लगाए जा चुके हैं। संगठन की सूची जारी करने को लेकर भी सुरजेवाला और सैलजा ने आपत्ति जताई थी। हालांकि, आज तक यह सूची जारी नहीं हो सकी है। सैलजा का कहना है कि मेरी भी महत्वाकांक्षा है। मैं राज्य में काम करना चाहती हूं, विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हूं। लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला हाईकमान ही करेगा।
विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए हाईकमान से लूंगी अनुमति : सैलजा
कुमारी सैलजा ने कहा सोशल मीडिया पर चलाया जा रहा दीपक बाबरिया का बयान अधूरा है। उन्होंने कहा है कि कोई सांसद चुनाव नहीं लड़ेगा, लेकिन यदि कोई लड़ना चाहता है तो हाईकमान से अनुमति ले। मैं कांग्रेस की अनुशासित सिपाही हूं। हाईकमान के आदेश पर ही मैंने लोकसभा चुनाव लड़ा था और अब हाईकमान की अनुमति से विधानसभा चुनाव भी जरूर लडूंगी। हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए मजबूत होकर जनता के हक के लिए लड़ाई लड़ूंगी।