नई दिल्ली। ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने शुक्रवार को चुनाव आयुक्त का पदभार संभाल लिया। मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने दोनों का स्वागत किया। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले चयन पैनल ने बीते दिन दोनों को चुनाव आयुक्त नियुक्त किया था। विधि एवं न्याय मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर इसकी घोषणा की थी। दरअसल, अनूप चंद्र पांडे के 14 फरवरी को सेवानिवृत्त होने और आठ मार्च को अरुण गोयल के अचानक इस्तीफे के बाद निर्वाचन आयोग में ये पद खाली हो गए थे। निर्वाचन आयोग का नेतृत्व राजीव कुमार कर रहे हैं।
सहकारिता मंत्रालय के सचिव रहे हैं ज्ञानेश कुमार
ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल-कैडर के आईएएस अधिकारी रहे हैं। उनका जन्म 1964 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। मई 2016 में ज्ञानेश को गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव बनाया गया था। वहीं मई 2022 में ज्ञानेश कुमार को सहकारिता मंत्रालय का नया सचिव नियुक्त किया था। उस वक्त ज्ञानेश संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव का प्रभार संभाल रहे थे। उन्होंने सहकारिता मंत्रालय सचिव के साथ-साथ संसदीय कार्य मंत्रालय के सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार भी संभाला था। ज्ञानेश कुमार के गृह मंत्रालय में नियुक्ति के दौरान ही अनुच्छेद-370 हटा था।
तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं डॉ. सुखबीर सिंह संधू
उत्तराखंड के मुख्य सचिव रहे सुखबीर सिंह संधू भी नए चुनाव आयुक्त बनाए गए हैं। डॉ. सुखबीर सिंह संधू 1988 बैच उत्तराखंड काडर के आईएएस अधिकारी हैं। संधू मूल रूप से उत्तराखंड कैडर के अफसर हैं। संधू उत्तराखंड सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एसएएस संधू का लंबा प्रशासनिक अनुभव है। वह तेजतर्रार अफसरों में गिने जाते हैं। डॉ. संधू केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय में अपर सचिव उच्च शिक्षा थे। वह 2011 तक पंजाब सरकार में प्रतिनियुक्ति पर रहे। वह ऊधमसिंह नगर जिले के पहले कलेक्टर भी रहे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री जनरल बीसी खंडूड़ी, विजय बहुगुणा और हरीश रावत के सचिव का दायित्व भी निभाया। बादल सरकार में वह मुख्यमंत्री के सचिव रहे। उत्तराखंड सरकार में उन्हें लोनिवि, कार्मिक, औद्योगिक विकास समेत कई महत्वपूर्ण विभागों का अनुभव रहा।
मुख्यमंत्री बनने के बाद 2021 में पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. सुखबीर सिंह संधू को उत्तराखंड का मुख्य सचिव बनाया था। डॉ. सुखबीर सिंह संधू दिल्ली में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे। राज्य सरकार ने संधू की मूल कैडर में वापसी के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था। संधू इससे पहले केंद्र में राष्ट्रीय राजमार्ग विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे। 2019 में उन्हें राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का दायित्व सौंपा गया था। उन्होंने उत्तराखंड के 17वें मुख्य सचिव के तौर पर कार्यभार संभाला।