TIO, पुणे
साल 2002 में गोधरा ट्रेन कांड का दोषी सलीम उर्फ सलमान यूसिफ जारदा (55 वर्षीय) को महाराष्ट्र के पुणे में चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि सलीम को गोधरा कांड में दोषी ठहराए जाने के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बीते साल सितंबर में जमानत पर बाहर आने के बाद वह फरार हो गया था।
पुलिस को जांच के दौरान गोधरा के गिरोह के बारे में पता चला
पुलिस ने बताया कि बीती 7 जनवरी को पुणे के ग्रामीण इलाके जुन्नार से करीब 2.49 लाख रुपये की कीमत के टायर और ट्यूब एक ट्रक से चोरी कर लिए गए थे। इस मामले में ट्रक के ड्राइवर सोमनाथ गायकवाड़ ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ऐसा ही एक मामला नासिक में भी हुआ था। जिसमें सिन्नार पुलिस थाने और पुणे के मनचार थाने के इलाके में भी एक ट्रक से माल चोरी हुआ था। पुलिस को जांच के दौरान पता चला कि इन घटनाओं में कोई अंतर-राज्यीय गैंग शामिल है और पुलिस को ये भी पता चला कि इसमें शामिल चोर गुजरात के गोधरा के हैं।
जांच के दौरान पुलिस ने बीती 22 जनवरी से नासिक से गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया। इन गिरफ्तार आरोपियों में सलीम जारदा और उसके सहयोगी साहिल पठान, सूफियान चनाकी, अयूब सुनथिया, इरफान दरवेश का नाम शामिल है। ये सभी गोधरा के निवासी हैं। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक टेम्पो ट्रक और चोरी किया हुआ सामान भी बरामद कर लिया है। चोरों के पास से बरामद सामान की कुल कीमत करीब 14.4 लाख रुपये है। पुलिस ने बताया कि सलीम जारदा उन 31 दोषियों में शामिल है, जिन पर साल 2002 के गुजरात दंगे के दौरान गोधरा में ट्रेन जलाने का दोषी पाया गया था।
गोधरा कांड में दोषी पाए जाने के बाद मिली थी मौत की सजा
गोधरा कांड में जारदा समेत 11 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई थी और बाकी 20 लोगों को उम्रकैद हुई थी। हालांकि बाद में गुजरात उच्च न्यायालय ने जारदा समेत 11 लोगों की मौत की सजा को घटाकर उम्रकैद में तब्दील कर दिया है। उल्लेखनीय है कि जारदा पूर्व में भी आठ बार जमानत मिलने के बाद फरार हो चुका है। जारदा ने एक गैंग बनाया है, जो गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र में चोरी को अंजाम देता है।