TIO, चेन्नई
अन्ना विश्वविद्यालय यौन उत्पीड़न मामले में बुधवार को महिला कोर्ट ने आरोपी ज्ञानसेकरन को दोषी करार दिया। चेन्नई की कोर्ट ने कहा कि गनाशेखरन के खिलाफ सभी आरोप साबित हो चुके हैं। महिला अदालत की न्यायाधीश राजलक्ष्मी ने कहा कि वह इस मामले में 2 जून को सजा सुनाएंगी। घटना पिछले साल 23 दिसंबर को रात करीब 8 बजे हुई थी, जब कोट्टूर निवासी ज्ञानसेकरन कथित तौर पर यूनिवर्सिटी परिसर में घुसा और एक सुनसान इलाके में छात्रा का यौन उत्पीड़न किया। उसने छात्रा के पुरुष मित्र पर हमला भी किया। ज्ञानसेकरन कैंपस के पास बिरयानी की दुकान चलाता था।
इस सनसनीखेज मामले ने आरोपी के तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक के साथ कथित संबंधों को लेकर राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया था। हालांकि, पार्टी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने जनवरी में कहा था कि ज्ञानसेकरन केवल एक हमदर्द और समर्थक था। वह द्रमुक का सदस्य नहीं था।
क्या है मामला?
चेन्नई की अन्ना यूनिवर्सिटी में 23 दिसंबर को इंजीनियरिंग की एक छात्रा का यौन उत्पीड़न किया गया। मामला तब सामने आया, जब छात्रा ने इसकी पुलिस से खुद शिकायत की थी। शुरू में पुलिस ने केस को हल्के में लिया और कोई कार्रवाई नहीं की। सोशल मीडिया पर केस उछला तब पुलिस हरकत में आई। मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। 37 वर्षीय आरोपी यूनिवर्सिटी परिसर के पास में बिरयानी बेचता है। इस घटना ने पूरे चेन्नई को हिलाकर रख दिया है। तमिलनाडु की राजनीति गरमाने लगी है।
मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ा था
विश्वविद्यालय परिसर में इंजीनियरिंग छात्रा के यौन शोषण मामले ने राजनीतिक रंग भी लिया था। तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में दावा किया गया था कि छात्रा के यौन शोषण का आरोपी ज्ञानसेकरन सत्ताधारी डीएमके से जुड़ा है। भाजपा नेता ने आरोपी की डीएमके नेता और सीएम के बेटे उदयनिधि स्टालिन के साथ तस्वीर भी साझा की थी।
तमिलनाडु की विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके ने भी अन्ना विश्वविद्यालय की घटना को लेकर डीएमके को आड़े हाथों लिया था। पूर्व सीएम और एआईएडीएमके के नेता ई पलानीस्वामी ने कहा था कि कब तक तमिलनाडु के लोग इस स्थिति को झेलेंगे? क्या तमिलनाडु में कोई कानून है कि अगर आप सत्ताधारी पार्टी के सदस्य हैं तो अपराध करने पर आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी?