शशी कुमार केसवानी
भोपाल में 24-25 फरवरी को होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस) को लेकर जिस तरह से नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और अन्य विभाग कार्य कर रहे हैं, इससे लगता है कि अपनी जेब ज्यादा भर रहे हैं। भोपाल का विकास या सौंदर्यीकरण उस तरह से नहीं हो रहा है। हमने केवल अभी तक केवल चंद इलाकों में ही निरीक्षण किया है, जहां पर लीपापोती के अलावा कुछ नहीं दिख रहा है। यह चंद दिनों में ही बह जाएगी। या ये कहें कि पहली बारिश में विकास के सारे रंग उतर जाएंगे। भोपाली कहावत है कि लाली लिपिस्टिक लगाने से असलियत नहीं बदलती। भोपाल को कुदरती खूबसूरती मिली हुई है, जिसे सरकारी विभाग के अधिकारी लीप पोत कर अजीब रंगों में रंगते जा रहे हैं। प्राकृतिक खूबसूरती को भी अजीब ही कर दिया गया है। जबकि जनसंपर्क विभाग पूरे इवेंट को सफल बनाने के लिए भरपूर प्रयास कर रहा है। साथ ही साथ प्रदेश को एक नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए विभाग के मुखिया सुदाम खाड़े दिन-रात एक किए हुए हैं और लगातार मीडिया के साथ साथ लोगों से भी संपर्क कर रहे हैं। वहीं उद्योग विभाग के सचिव राघवेन्द्र सिंह भी दिन रात कार्य में लगे हुए हैं।
अगर बात करें सीढ़ी घाट की तो नगर निगम के एई ने बताया कि कार्य 30 लाख रुपए का है, जिसे 19 फरवरी तक पूरा करना है, जिस तरह से आठ इंच की सीढ़ी बनाई जा रही है, आम लोगों के लिए यह चढ़ने उतरने में तकलीफ दायक रहेगी। जबकि यह पुराने पत्थर और ईंट से बनी हुई सीढ़ी थी। जो देखने भी सुंदर लगती थी। पुराने दीवारों पर नया गुलाबी कलर करके कुछ अजीब ही बना दिया है। फिल्म निर्माता प्रीति त्रिपाठी पिछले दिनों मुंबई से भोपाल आई हुई थीं। उन्होंने ऐतिहासिक हैरिटेज बिल्डिंग गोहर महल की पीठ को आनन फानन में रंग दिया है, जिसे देखकर भोपाली होने के कारण बहुत दुख हुआ। सुंदरता तो हमेशा अच्छी लगती है, पर सुंदरता के नाम पर कुछ भी पोत देना अजीब ही लगता है। सरकार अभी भी वक्त है। इस ओर ध्यान देकर भोपाल को सचमुच सुंदर बनाए और धरोहरें अपना मूल स्वरूप न खोएं भोपाल की खूबसूरती उसी से हैं।
बता दें कि भोपाल में 24-25 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित होने जा रही है। समिट में पहली बार 15 देशों के 500 एनआईआर यानी, प्रवासी भारतीय शामिल होंगे। इनमें यूके, दुबई, हांगकांग, सिंगापुर और जापान से बड़ा प्रतिनिधिमंडल रहेगा। इसके चलते ‘प्रवासी मध्यप्रदेश’ समिट भी होगी। इस समिट में दुनियाभर में फैले प्रवासियों में ‘फ्रेंडस आॅफ एमपी’ टीम के सदस्यों की विशेष भागीदारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत देश के बड़े उद्योगपतियों से भी वे रूबरू हो सकेंगे। इस समिट की जिम्मेदारी ओवरसीज विभाग को दी गई है। समिट डेढ़ घंटे की होगी। बाकी समय में भोपाल, सांची, भीमबेटका, उदयगिरी समेत कई स्थानों पर उन्हें घुमाया भी जा सकता है। ताकि, वे अपनी संस्कृति और सांस्कृतिक धरोहरों को करीब से देख सकें।
महाकुंभ जैसी होगी ‘प्रवासी मध्यप्रदेश’ समिट
जीआईएस में 24 और 25 फरवरी को कुल 7 डिपॉर्टमेंटल समिट होगी। उद्योगपति न्यू रिन्युएबल एनर्जी, आईटी एंड टेक्नोलॉजी, टूरिज्म, माइनिंग, एमएसएमई एंड स्टार्टअप, अर्बन डेवलपमेंट पर इन्वेस्टमेंट कर सकेंगे। सातवीं समिट को ‘प्रवासी मध्यप्रदेश’ नाम दिया गया है। यह एक तरह से मध्यप्रदेश के दुनियाभर में रहने वाले प्रवासियों का महाकुंभ जैसा ही रहेगा। ज्यादातर वे उद्योगपति शामिल होंगे, जो मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं।
15 से ज्यादा देशों के प्रवासियों की मौजूदगी रहेगी
समिट में 15 से ज्यादा देशों के प्रवासियों की मौजूदगी रहेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यूके, दुबई-जापान की यात्रा भी कर चुके हैं। इस दौरान प्रवासियों ने समिट में आने की सहमति दी है। इस तरह यूके, दुबई, सिंगापुर, हांगकांग और जापान से सबसे बड़ा प्रतिनिधिमंडल शामिल होगा।