भोपाल

मप्र में होने वाले नगरीय निकाय व पंचायत चुनाव विधानसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है। भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के समर्थित उम्मीदवार प्रचार में जोरों-शोरो से जुटे हुए हुए है। वहीं सीहोर जिले के जिला पंचायत वार्ड एक के ग्राम सातानवाडी टांडा मेंडोरा छतरी बेरागढ़ तुलसीपान झिरी में जिला पंचायत वार्ड एक के भाजपा समर्थित प्रत्याशी गिरिश सोलंकी (लालू बना) चाँदबड़ जागिर को मत दाताओं का आशीर्वाद स्नेह प्राप्त हो रहा। इसके साथ ही विधायक सुदेश राय द्वारा किए गए कार्यों का लाभ भी उन्हें मिल रहा है। जनसंपर्क के दौरान ग्रामीण उनका जगह-जगह स्वागत कर स्रेह प्रदान कर रहे है। जमीन से जुड़े व्यक्ति वह लोगों से सतत संपर्क में रहने की वजह से ही आज वह हर लोगों के दिलों में जगह बन चुके है। अपने सहज और सरल व्यवहार से लोग उन्हें बहुत दिल से चाहते है। वहीं विधायक सुदेश राय ने भी उनके साथ प्रचार किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण उनके साथ मौजूद रहे।

भाजपा ने किया विकास : सुदेश राय
जनसंपर्क के दौरान विधायक सुदेश राय ने कहा कि भाजपा ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल फैला दिया है। मोदी और शिवराज सरकार रात-दिन जनता की सेवा में जुटी हुइ है। गांवों में पानी, तालाब, प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ भी ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है। वहीं कांग्रेस ने हमेशा गरीबों के साथ धोखा दिया है। किसानों के कर्जमाफी का वादा भी पूरा नहीं कर सकी।

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एक सचिव की तीन पत्नियां मैदान में, तीनों ने प्रचार का दबाव बनाया तो पति ने छोड़ा घर-गांव
मध्य प्रदेश अजब है और गजब भी। सिंगरौली जिले में एक पंचायत सचिव की तीन पत्नियां हैं। तीनों पंचायत चुनाव लड़ रही हैं। दो तो एक ही पंचायत से सरपंच चुनावों में आमने-सामने हैं। तीसरी जनपद पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ रही है। पंचायत सचिव पर प्रचार के लिए पत्नियों का दबाव है। इस वजह से उसने अब घर ही नहीं बल्कि गांव भी छोड़ दिया है।सिंगरौली जिले के जनपद पंचायत देवसर अंतर्गत घोंघरा पंचायत के सचिव सुखराम सिंह की तीन पत्नियां हैं। सुखराम की पहली पत्नी देवसर जनपद सदस्य का चुनाव लड़ रही हैं। दूसरी पत्नी कुसुमकली व तीसरी गीता सिंह ने पिपरखड़ ग्राम पंचायत में सरपंच पद के लिए नामांकन दाखिल किया है । अब कुसुमकली तो पहले भी सरपंच रही है, गीता सिंह की उम्मीदवारी से सुखराम का सुख-चैन उड़ गया है। दोनों ही चाहती हैं कि सुखराम उनके लिए प्रचार करें। अब परेशानी इतनी बढ़ गई है कि सुखराम ने गांव और घर से कुछ दिन के लिए रुखसत ले ली है।

पत्नियों को परेशानी नहीं तो कार्रवाई कैसे होगी?
जनपद सीईओ बीके सिंह ने हिन्दू अधिनियम के विरुद्ध जाकर तीनों को दस्तावेज में पत्नी बताने पर नोटिस थमा दिया। हालांकि, अभी तक नामांकन खारिज नही हुआ है। देवसर एसडीएम आकाश सिंह का कहना है कि किसी भी पत्नी ने शिकायत दर्ज नहीं कराई है। जब पत्नियों को कोई समस्या नहीं है तो कार्रवाई का सवाल भी फिलहाल नहीं उठता। जब कोई शिकायत आएगी, तब जरूर कार्रवाई की जाएगी।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER