TIO, वाशिंगटन

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित हैं। बाइडन के दफ्तर की तरफ से जारी हालिया बयान के मुताबिक, बाइडन को पिछले हफ्ते ‘आक्रामक तरह’ के प्रोस्टेट कैंसर का पता चला, जो कि उनकी हड्डियों तक फैल चुका है। वहीं अब एक और चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। पूर्व राष्ट्रपति के कार्यालय ने बताया है कि बीते सप्ताह से पहले आखिरी बार प्रोस्टेट कैंसर की जांच 2014 में हुई थी। इतना ही नहीं, बीते सप्ताह से पहले कभी उन्हें इस बीमारी के बारे में पता नहीं चला था।

बाइडन के कार्यालय द्वारा जारी बयान में उनके 2014 के पीएसए ब्लड टेस्ट के नतीजे नहीं बताए गए हैं। बाइडन के सहयोगियों ने उनके उपचार के बारे में जानकारी दी है। वहीं, दावा यह भी किया जा रहा है कि बाइडन के राष्ट्रपति पद पर रहने के दौरान भी उनके स्वास्थ्य की गहन जांच की गई थी और उस समय प्रोस्टेट कैंसर का संदेह भी जताया गया था। वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी यह दावा किया है। उन्होंने भी कहा कि पूर्व राष्ट्रपति और उनके सहयोगियों ने व्हाइट हाउस में रहने के दौरान इस बीमारी को छुपाया। अप्रैल में व्हाइट हाउस के चिकित्सक द्वारा जब ट्रंप का सालाना शारीरिक परीक्षण किया गया था तब पीएसए सामान्य बताया गया था। हालांकि अंतिम पीएसए परिणाम तब भी जारी नहीं किए गए थे।

उच्च श्रेणी का कैंसर होने की पुष्टि इस जांच के बाद हुई
प्रोस्टेट नोड्यूल की खोज के बाद बाइडन के कई मेडिकल परीक्षण किए गए। परीक्षणों के दौरान ग्लीसन स्कोर 9 (ग्रेड ग्रुप 5) पाया गया। इससे बाइडन को उच्च श्रेणी का कैंसर होने की पुष्टि हुई। यह हड्डी में मेटास्टेसिस का संकेत देता है। उनका परिवार इलाज के तरीकों पर डॉक्टरों से परामर्श कर रहा है।

ट्रंप ने जल्द स्वस्थ होने की कामना की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाइडन की सेहत से जुड़ी सूचना मिलने पर ट्रुथ सोशल पर लिखा, मेलानिया और मैं जो बाइडन की मेडिकल जांच के बारे में सुनकर दुखी हैं। हमारी संवेदनाएं जिल और पूरे परिवार के साथ हैं।’ ट्रंप ने बाइडन के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की।

बाइडन की रिकवरी मुश्किल हो सकती है
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक बाइडन के डॉक्टर केविन ओ’कॉनर पहले ही आगाह कर चुके हैं कि गिरने से उनकी रिकवरी मुश्किल हो सकती है। हालात अधिक बिगड़ने पर उन्हें व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। जोखिम को कम करने के लिए, कर्मचारियों ने उनकी समस्याओं को कम करने के कई प्रयास किए। मसलन उनके पैदल चलने के रास्ते को छोटा किया गया। सहारे के लिए रेलिंग बनाई गई। हवाई यात्रा के लिए एयरफोर्स वन विमान में छोटी सीढ़ियों का इस्तेमाल किया गया। खबरों के मुताबिक शारीरिक सेहत के कारण ही बाइडन ने बीते साल जून में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया था।

अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के 80 प्रतिशत रोगियों में बीमारी का पता जल्द लग जाता है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार साल 2022 में करीब 37,948 भारतीय पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर की पहचान की गई। यह इस वर्ष देश में दर्ज किए गए कैंसर के 14 लाख नए मामलों का लगभग तीन प्रतिशत है। अमेरिका में प्रोस्टेट कैंसर के 80 प्रतिशत रोगियों में बीमारी का पता शीघ्र चल जाता है जबकि यहां देर से निदान के मामले 20 प्रतिशत ही हैं।

पेशाब में परेशानी बढ़ने के बाद प्रोस्टेट नोड्यूल की नए सिरे से जांच
पिछले सप्ताह भी बाइडन की सेहत से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई थी। पेशाब में परेशानी बढ़ने के बाद प्रोस्टेट नोड्यूल की नए सिरे से जांच की गई, जिसके आधार पर पता लगा कि उनकी बीमारी हड्डियों तक फैल गई है। बाइडन के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक भले ही यह बीमारी अधिक आक्रामक है, लेकिन यह हार्मोन-संवेदनशील भी है। इसका प्रभावी प्रबंधन किया जा सकता है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER