TIO, वॉशिंगटन।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान से ठीक आठ सप्ताह पहले रिपब्लिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और उनकी डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस अब राष्ट्रपति पद की बहस में आमने-सामने हैं। इस दौरान दोनों के बीच रूस-यूक्रेन जंग और इस्राइल-हमास संघर्ष पर जमकर तू-तू, मैं-मैं हुई। मामला उस वक्त और तनावपूर्ण हो गया, जब ट्रंप लगातार बाइडन प्रशासन की विफलताओं को उजागर कर रहे थे और कमला हैरिस ने जवाब दिया कि आप बाइडन के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
‘…पुतिन अब तक कीव में होते’
यूक्रेन युद्ध पर तीखी बहस के बीच कमला हैरिस ने कहा कि अगर ट्रंप राष्ट्रपति होते तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अब तक कीव में होते। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा कि ट्रंप को यह समझना चाहिए कि पुतिन किसी के सगे नहीं है। वे अपने लिए ट्रंप को धोखा देने से भी नहीं चूकेंगे। जब यह सवाल उठा कि क्या ट्रंप चाहते हैं कि रूस के खिलाफ यूक्रेन युद्ध जीत जाए? इस पर ट्रंप ने सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि युद्ध रुकना चाहिए। मुझे लगता है कि इस जंग को रोकना अमेरिका के सबसे ज्यादा जरूरी और सर्वाधिक हित में है। हमें ऐसा करना ही होगा।
दो-राज्य समाधान की वकालत
गाजा में इस्राइल-हमास युद्ध पर कमला हैरिस ने दो-राज्य समाधान की वकालत की। इस पर ट्रंप ने कहा कि अगर वह राष्ट्रपति होते तो स्थिति कभी यहां तक पहुंचती ही नहीं। उन्होंने कहा कि कमला हैरिस इस्राइल के साथ-साथ क्षेत्र में अरब आबादी से भी नफरत करती हैं। इसका उपराष्ट्रपति ने जवाब दिया कि ट्रंप के दावे सच नहीं हैं। उन्होंने इस्राइल के प्रति अपने समर्थन पर जोर दिया।
नस्लीय पहचान का मुद्दा भी उठा
जब ट्रंप से सवाल किया गया कि उन्होंने हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल क्यों उठाया? पूर्व राष्ट्रपति ने जवाब दिया कि मुझे परवाह नहीं है कि वह क्या हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने पढ़ा था कि वह अश्वेत नहीं थी। हैरिस ने इसे अपमान बताया। ट्रंप नस्लीय मुद्दों के जरिए अमेरिकियों को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह न तो बाइडन हैं और न ही ट्रंप। वह नेतृत्व की नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करती हैं। इस पर ट्रंप ने जवाब दिया कि वर्तमान सरकार विभाजनकारी है।