TIO, वॉशिंगटन
अमेरिका में संघीय जांच ब्यूरो के निदेशक काश पटेल ने सोमवार (स्थानीय समय) को आश्वासन दिया कि पंजाब में हमलों में शामिल आतंकवादी हरप्रीत सिंह को एफबीआई की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद न्याय किया जाएगा। काश पटेल ने टीम के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि एफबीआई सैक्रामेंटो ने भारत के साथ समन्वय में इस जांच को अंजाम दिया है। हम न्याय के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे।
काश पटेल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘गिरफ्तार किया गया हरप्रीत सिंह अमेरिका में विदेशी आतंकी गिरोह का हिस्सा है, जिसके बारे में हमारा मानना है कि वह भारत और अमेरिका दोनों में पुलिस स्टेशनों पर कई हमलों की योजना बनाने में शामिल था। एफबीआई सैक्रामेंटो ने स्थानीय और भारत में अपने भागीदारों के साथ समन्वय करते हुए जांच की। सभी ने बेहतरीन काम किया है और न्याय होगा।’ काश पटेल ने आगे आश्वासन दिया कि एफबीआई हिंसा करने वालों को ढूंढना जारी रखेगी। चाहे वे कहीं भी हों।
इससे पहले 18 अप्रैल को अमेरिका में रहने वाले आतंकी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया को गिरफ्तार किया गया था। एफबीआई और अमेरिकी इमिग्रेशन विभाग ने उसे अपने शिकंजे में ले लिया था। वह पिछले छह महीनों में पंजाब में 14 आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार है। आतंकी भारत के सबसे वांछित आतंकियों में से एक है। उस पर 5 लाख रुपये का इनाम है। वह अभी आईसीई (इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट) की हिरासत में है। हैप्पी पासिया ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और बब्बर खालसा इंटरनेशनल के साथ मिलकर आतंकी हमलों को अंजाम दिया। हैप्पी पासिया ने पंजाब के पुलिस प्रतिष्ठानों पर कई आतंकी हमले किए और सोशल मीडिया पर उनकी जिम्मेदारी ली।
एनआईए की चार्जशीट में था हैप्पी का नाम
इससे पहले 23 मार्च को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (ठकअ) ने 2024 चंडीगढ़ ग्रेनेड हमला मामले में बब्बर खालसा इंटरनेशनल (इङक) आतंकवादी संगठन के चार आतंकवादी गुर्गों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। आरोप पत्र दायर करने वाले आरोपियों में पाकिस्तान स्थित नामित व्यक्तिगत आतंकवादी हरविंदर सिंह संधू उर्फ रिंदा और अमेरिका स्थित हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया शामिल हैं। दोनों आतंकवादी हमले के पीछे मुख्य संचालक और साजिशकर्ता थे। उन्होंने ग्रेनेड हमले को अंजाम देने के लिए चंडीगढ़ में भारत स्थित जमीनी गुर्गों को रसद सहायता, आतंकी फंड, हथियार और गोला-बारूद मुहैया कराया था। सितंबर 2024 के हमले का मकसद पंजाब पुलिस के एक सेवानिवृत्त अधिकारी को निशाना बनाना था।
जनता के बीच आतंक फैलाने की साजिश रची
जांच से पता चला कि रिंदा ने हैप्पी पासिया के साथ मिलकर ग्रेनेड हमले के जरिए कानून प्रवर्तन अधिकारियों और आम जनता के बीच आतंक फैलाने की साजिश रची थी। उसका मकसद बीकेआई के आतंकवादी एजेंडे को बढ़ावा देना था। उन्होंने रोहन मसीह और विशाल मसीह नाम के स्थानीय गुर्गों की भर्ती की, जिन्हें उनके सीधे निदेर्शों के तहत हमला करने का काम सौंपा गया था। जांच में पता चला कि रिंदा और हैप्पी ने अन्य आरोपियों रोहन मसीह और विशाल मसीह को ग्रेनेड फेंकने से पहले दो बार लक्ष्य की टोह लेने का निर्देश दिया था।
बीते दिसंबर में आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त किया गया
इससे पहले पिछले साल दिसंबर में पंजाब पुलिस ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) की ओर संचालित पाकिस्तान-आईएसआई समर्थित आतंकी मॉड्यूल को ध्वस्त कर दिया था, जिसे हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पासिया और शमशेर उर्फ हनी चला रहे थे। इसमें मास्टरमाइंड अभिजोत सिंह सहित इसके पांच सदस्यों की गिरफ्तारी भी शामिल थी। सभी बटाला और गुरदासपुर में दो पुलिस प्रतिष्ठानों पर हैंड ग्रेनेड फेंकने में शामिल थे।