TIO, वाराणसी।
गाजीपुर के 33 वर्ष, तीन महीने और 9 दिन पुराने फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में बुधवार को दोषी माफिया मुख्तार अंसारी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। एमपी-एमएलए कोर्ट वाराणसी के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने जैसे ही सजा सुनाई मुख्तार अंसारी गिड़गिड़ाने लगा और बांदा जेल में सिर पकड़कर बैठ गया।
बचाव पक्ष बोला… मुख्तार बुजुर्ग-बीमार और जेल में, कम मिले सजा
उसने खुद को बीमार और बुजुर्ग बताया। साथ ही कहा कि कम सजा दी जाए। इस पर अदालत ने अपराध कहीं बड़ा है। मुख्तार अंसारी के अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि अदालत ने मुख्तार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (2) में दोषमुक्त किया है। शेष धाराएं मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षणीय हैं। इस अदालत को दंड के प्रश्न पर सुनवाई का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। यह भी तर्क दिया गया कि प्रकरण में अभियुक्त पर कोई स्वयं से कार्य करने का अपराध नही है और न ही कथित सहअभियुक्त के साथ एकसाथ विचारण किया गया। अभियुक्त को मात्र लाभार्थी मानते हुए बिना किसी प्रत्यक्ष साक्ष्य के दोषसिद्ध किया गया है। अभियुक्त अत्यंत वृद्ध और बीमार है। कई वर्षों से जेल में है। इसलिए अभियुक्त को न्यूनतम दंड से दंडित किया जाए।
अभियोजन ने कहा… मुख्तार का लंबा आपराधिक इतिहास, अधिकतम मिले सजा
अभियोजन अधिकारी ने मुख्तार के खिलाफ आपराधिक इतिहास के दोष सिद्ध के संबंध में चार्ट पेश किया। अदालत को बताया कि गैंगस्टर एक्ट, हत्या सहित कई मामलों में अदालतों ने दोष सिद्ध किया है। इसमें आजीवन कारावास की सजा भी शामिल है। 20 मामले विचाराधीन हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि अभियुक्त का लंबा आपराधिक इतिहास है। अत: अभियुक्त को अधिकतम दंड से दंडित किया जाए। आपको बता दें कि विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की कोर्ट ने नौ महीने बाद ही बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी को दूसरी बार उम्रकैद की सजा सुनाई है। पहले अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को 5 जून 2023 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 18 महीने में मुख्तार को 8वें मामले में सजा मिली है। 608 करोड़ रुपये की अपराध से अर्जित संपत्ति ध्वस्त या जब्त की की गई है। मुख्तार के 215 करोड़ रुपये के अवैध कारोबार पर अंकुश लगाया गया है।
2005 से ही जेल में है मुख्तार
माफिया मुख्तार अंसारी 25 अक्तूबर 2005 से जेल की सलाखों के पीछे है। इस तरह से वह 18 वर्ष चार माह से ज्यादा समय से जेल में ही निरुद्ध है। मऊ सादर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहा मुख्तार अंसारी का एमएलए बेटा अब्बास अंसारी भी जेल की सलाखों के पीछे ही है। मुख्तार की पत्नी अफशां पर गाजीपुर और मऊ जिले की पुलिस ने 75 हजार रुपये का इनाम घोषित कर रखा है। अफशां लंबे समय से फरार चल रही है। मुख्तार का छोटा बेटा उमर अंसारी भी फरार है।
इन धाराओं के तहत पाया गया दोषी
माफिया मुख्तार अंसारी को अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 यानी धोखाधड़ी, 467 यानी बहुमूल्य सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी और 468 यानी ठगी के मकसद से जालसाजी का दोषी पाया गया है। भारतीय दंड संहिता की इन धाराओं के तहत अधिकतम दस साल तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा मुख्तार अंसारी को आयुध अधिनियम की धारा 30 के तहत दोषी पाया गया है। इसके तहत अधिकतम छह माह की सजा या जुमार्ना या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है।
काले रंग की सदरी और टोपी पहने हुए था मुख्तार
मुख्तार अंसारी अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश हुआ था। वह काले रंग की सदरी और टोपी पहने हुए था। अदालत के पीठासीन अधिकारी का अभिवादन कर उसने अपनी दोष सिद्धि का आदेश सुना और इसके बाद सिर झुकाए खड़ा रहा। अदालत ने मुख्तार को बुधवार को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये तलब किया है।
यूपी, दिल्ली और पंजाब में मुख्तार के खिलाफ 65 मुकदमे
गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद थाने के हिस्ट्रीशीटर और यूसुफपुर निवासी मुख्तार अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली और पंजाब में 65 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। 25 अक्तूबर 2005 से जेल में बंद मुख्तार अंसारी को अब तक सात मामलों में अदालत सजा सुना चुकी है। वाराणसी के वर्ष 1991 के अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। लखनऊ के दो मामलों, गाजीपुर के चार मामलों और वाराणसी के एक मामले में मुख्तार अंसारी को पांच वर्ष छह माह से लेकर 10 वर्ष तक की सजा से दंडित किया जा चुका है। फर्जी शस्त्र लाइसेंस प्रकरण आठवां ऐसा मामला होगा, जिसमें मुख्तार को सजा सुनाई जाएगी।