TIO, भोपाल
सहारा समूह और कई बड़ी कंपनियों के बीच मध्य प्रदेश में जमीन खरीदने और बेचने में घोटाले की गंभीर गड़बड़ी सामने आई हैं। एडह ने इस मामले की जांच शुरू की है और विभिन्न आरोपों की तफ्तीश की जा रही है। सहारा समूह पर आरोप है कि उसने निवेशकों से जुटाई गई राशि से मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में जमीन खरीदी, लेकिन इसे बेचने के बाद प्राप्त राशि को सेबी के खाते में जमा करने के बजाय निजी खातों में डाल दिया।
पूर्व मंत्री के परिवार ने खरीदी जमीनें
सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री संजय पाठक के परिवार की कंपनियों ने सहारा समूह से यह जमीन खरीदी थी। इस धोखाधड़ी में कई बड़ी कंपनियों का नाम सामने आ रहा है, जिसमें पाठक की कंपनियां भी शामिल होना, उनके लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है। मामले में शामिल जमीनों में भोपाल, जबलपुर, कटनी और मक्सी स्थित 310 एकड़ भूमि शामिल है। 2014 में सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा समूह को निर्देश दिया था कि वह अपनी संपत्तियां बेचकर निवेशकों को उनका पैसा लौटाए। इसके बावजूद, सहारा समूह ने इस आदेश का पालन नहीं किया और जमीनें बेचकर प्राप्त राशि को गलत तरीके से विभिन्न निजी खातों में स्थानांतरित किया।
125 करोड़ की जमीन 50 करोड़ में खरीदी
सहारा समूह पर लगाए गए आरोपों में सबसे प्रमुख यह है कि उसने 110 एकड़ भूमि, जिसकी 2014 में कीमत 125 करोड़ रुपये थी, महज 50 करोड़ रुपये में बेची। इस जमीन का लेन-देन सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया, जो पूर्व मंत्री संजय पाठक के परिजनों के स्वामित्व वाली कंपनी है। वर्तमान में इस धोखाधड़ी की जांच में शामिल सभी संबंधित पक्षों, दस्तावेजों और वित्तीय लेन-देन की गहन जांच की जा रही है। इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।