भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा देश के पांच राज्यों में विधान चुनाव की घोषणा के साथ ही नेताओं के बयान भी सामने आने लगे हैं। इसी कड़ी में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का बड़ा राजनीतिक बयान सामने आया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि देश के 5 राज्यों के चुनावों की घोषणा के साथ बीजेपी और उसके साथियों की विदाई का भी उद्घोष हो गया है। छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में कांग्रेस पार्टी मजबूती के साथ जनता के पास जाएगी। जन-कल्याण, सामाजिक न्याय और प्रगतिशील विकास ही कांग्रेस पार्टी की गारन्टी है।
AICC कार्यालय में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में शामिल होने पहुंचे दिग्विजय सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव पर कहा कि “हम 101% मध्य प्रदेश का चुनाव जीतेंगे.” लद्दाख परिषद चुनाव में मिली जीत को लेकर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की कन्याकुमारी से लद्दाख तक हवा है. दरअसल, विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस मध्य प्रदेश में अभीतक अपने प्रत्याशियों की एक भी लिस्ट जारी नहीं कर पाई है. कांग्रेस की प्रत्याशियों के नामों को लेकर कई बैठकें हुईं, लेकिन बैठके बेनतीजा रहीं. हालांकि बीते शनिवार को हुई बैठक के बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने 6-7 दिन बाद उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने की बात कही थी.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि कुल 16.14 करोड़ मतदाता इन चुनावों में अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इनमें 8.2 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.8 करोड़ महिला मतदाता होंगे। इस बार 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे।
60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे
खास बात यह भी है कि 60.2 लाख नए मतदाता पहली बार वोट डालेंगे। इनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है। 15.39 लाख वोटर ऐसे हैं, जो 18 साल पूरे करने जा रहे हैं और जिनकी एडवांस एप्लीकेशन प्राप्त हो चुकी हैं।
पांचों राज्यों में कुल 679 विधानसभा सीटें
पांचों राज्यों में कुल 679 विधानसभा सीटें हैं। मध्य प्रदेश में इस वक्त भाजपा की सरकार है। वहीं, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस शासन में है। तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव वाली भारत राष्ट्र समिति यानी बीआरएस की सरकार है। मिजोरम में जोरमथंगा की मिजो नेशनल फ्रंट सत्ताधारी पार्टी है।
2018 में पांचों राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान छह अक्तूबर को हुआ था। छत्तीसगढ़ में चुनाव दो चरणों में कराए गए थे। वहीं मध्यप्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में एक चरण में वोटिंग हुई थी। पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे एक साथ 11 दिसंबर को आए थे।
पांचों राज्यों के चुनावी समीकरण
1. मध्यप्रदेश- राज्य में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 को हुआ था। इस चुनाव के लिए कुल 2,899 उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव आयोग के मुताबिक, प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 12 प्रत्याशी थे। राज्य में मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 3,78,54,811 थी। इनमें से 1,99,94,060 पुरुष, 178,60,401 महिलाएं और 350 थर्ड जेंडर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 75.84%, महिलाओं के लिए 74.01% और कुल मतदान 74.97% रहा।
एमपी में चुनाव नतीजे 11 दिसंबर 2018 को आए थे। 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को बहुमत से दो कम 114 सीटें मिलीं थीं। वहीं, भाजपा 109 सीटों पर आ गई। हालांकि, यह भी दिलचस्प था कि भाजपा को 41% वोट मिले जबकि कांग्रेस को 40.9% वोट मिला था। बसपा को दो जबकि अन्य को पांच सीटें मिलीं। नतीजों के बाद कांग्रेस ने बसपा, सपा और अन्य के साथ मिलकर सरकार बनाई। इस तरह से राज्य में 15 साल बाद कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनी और कमलनाथ मुख्यमंत्री बने।
वहीं अब 2023 मध्यप्रदेश विधानसभा की बात करें तो इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच, राज्य में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया। इसमें करीब 17 लाख मतदाता बढ़े हैं। प्रदेश में सामान्य मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 60 लाख 60 हजार 925 हो गई है। इसमें पुरुष मतदाता 2 करोड़ 88 लाख 25 हजार 607 और महिला मतदाता 2 करोड़ 72 लाख 33 हजार 945 और थर्ड जेंडर 1373 हैं। प्रदेश में कुल 5 करोड़ 61 हजार 36 हजार 229 मतदाता दर्ज हैं। 18-19 साल की उम्र के पहली बार मतदान करने वाले 22 लाख 36 हजार 564 वोटर हो गए हैं, जो आने वाले विधानसभा चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे। वहीं, 80 या इससे अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 6 लाख 53 हजार 640 है। इसमें 100 वर्ष की उम्र पार करने वाले 5124 मतदाता हैं। इस बार चुनाव में एक हजार पुरुषों पर 945 महिला मतदाता हैं।
इस बीच, विधानसभा चुनाव के लिए सत्ताधारी पार्टी भाजपा ने अब तक 79 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। वहीं अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आप ने भी अपने 39 प्रत्याशी घोषित किए हैं। कांग्रेस ने अब तक कोई सूची नहीं जारी की है।
2. राजस्थान- राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव 28 नवंबर 2018 को संपन्न हुआ था। इस चुनाव के लिए कुल 2,294 उम्मीदवार मैदान में थे। राज्य में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में औसतन 11 प्रत्याशी मैदान में थे। मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 3,53,90,876 थी। इनमें से 1,83,44,351 पुरुष, 1,70,46,450 महिलाएं और 75 थर्ड जेंडर्स ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पुरुषों के लिए मतदान 73.49%, महिलाओं के लिए 74.67% और कुल मतदान 74.06 % रहा।
राज्य में चुनाव नतीजे 11 दिसंबर 2018 को घोषित किए गए थे। अलवर की रामगढ़ सीट छोड़कर बाकी 199 सीटों पर मतदान हुआ। रामगढ़ सीट पर बसपा के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह के निधन के कारण चुनाव स्थगित हो गया था। इस चुनाव में कांग्रेस ने भाजपा को पटखनी देते हुए 99 सीटें जीतीं।
इसके साथ ही प्रदेश में हर पांच साल में सत्ता परिवर्तन का रिवाज कायम रहा। भाजपा को 73, मायावती की पार्टी बसपा को छह तो अन्य को 20 सीटें मिलीं। कांग्रेस को बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत थी। कांग्रेस ने निर्दलियों और अन्य की मदद से जरूरी आंकड़ा जुटा लिया। इसके साथ ही राज्य की सत्ता में वापसी की और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने।
अब 2023 राजस्थान विधानसभा की बात करें तो इसको लेकर तैयारियां तेज हो चुकी हैं। इस बीच, राज्य में मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया। अंतिम सूची के अनुसार प्रदेश में 5 करोड़ 26 लाख 80 हजार 545 मतदाता पंजीकृत किए गए हैं। इनमें से 2 करोड़ 73 लाख 58 हजार 627 पुरूष और 2 करोड़ 51 लाख 79 हजार 422 महिला मतदाता शामिल हैं।
मतदाता सूची में 80 साल से अधिक आयु के 11.78 लाख मतदाता और 100 वर्ष से अधिक आयु के 17,241 मतदाता पंजीकृत हैं। 5.61 लाख विशेष योग्यजन मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इन मतदाताओं को होम वोटिंग की सुविधा दी जाएगी।
इसी प्रकार 606 ट्रांसजेंडर मतदाता भी पंजीकृत है। प्रदेश के मतदान केंद्र की बात करें तो 601 मतदान केंद्र नए बनाए गए हैं और 32 मतदान केंद्रों का समायोजन किया गया है। 569 मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं। मतदान केंद्र की संख्या 51 हजार 187 से बढ़कर 51 हजार 756 हो गई है।