TIO, मुंबई।
लोकसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र के दिग्गज नेता एकनाथ खडसे तीन साल बाद फिर बीजेपी में एंट्री करेंगे। उन्होंने खुद यह ऐलान किया है। रविवार को बीजेपी नेता गिरीश महाजन ने अपने पूर्व सहयोगी एकनाथ खडसे पर जोरदार हमला बोला और उन्हें ‘बुझा हुआ दीपक’ करार दिया है। दरअसल, जलगांव जिले में खडसे और महाजन कट्टर प्रतिद्वंद्वी रहे हैं। महाजन ने कहा, उनकी पत्नी और बेटी भी चुनाव हार चुकी हैं।
बता दें कि एकनाथ खडसे ने 2020 में 40 साल बाद बीजेपी से रिश्ता तोड़ दिया था और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए थे। उस वक्त खडसे ने बीजेपी छोड़ने के पीछे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और गिरीश महाजन को जिम्मेदार ठहराया था। पिछले साल जुलाई में अजित पवार और आठ विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी थी और एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। हालांकि खडसे, शरद पवार गुट में बने रहे थे। अब तीन साल बाद फिर खडसे ने बीजेपी में जाने का फैसला लिया है। खडसे ने शनिवार को कहा कि वो अगले सप्ताह नई दिल्ली में अपनी पुरानी पार्टी में शामिल होंगे।
‘एक ग्राम पंचायत भी उनके हाथ में नहीं’
खडसे के ऐलान पर गिरीश महाजन ने कहा, वो एक बुझे हुए दीपक की तरह हैं। यहां तक ??कि ग्राम पंचायत भी उनके हाथ में नहीं है। वे एक बैंक को नियंत्रित करते थे, लेकिन निदेशक मंडल भी बदल गया है और नए बोर्ड सदस्य उनकी बात नहीं सुनते हैं। उनके निर्णय को इतना महत्वपूर्ण क्यों बनाया जाए?
खडसे को 2016 में छोड़ना पड़ा था फडणवीस कैबिनेट
खडसे साल 2009 और 2014 के बीच विधानसभा में नेता विपक्ष थे। जब बीजेपी ने 2014 के विधानसभा चुनाव में 120 सीटें जीती तो खडसे मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे थे। हालांकि, पार्टी ने देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की जिम्मेदारी दी थी। खडसे को कुछ महत्वपूर्ण विभागों से संतोष करना पड़ा था। बाद में भूमि सौदे में अनियमितताओं के आरोप लगे तो 2016 में खडसे को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
‘शरद पवार गुट नहीं छोड़ेंगे खडसे की बेटी’
खडसे की बेटी रोहिणी खडसे को 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मुक्ताईनगर सीट से टिकट दिया था, लेकिन वे निर्दलीय उम्मीदवार चंद्रकांत निंबा पाटिल से हार गईं थीं। एकनाथ खडसे ने उस वक्त हार के लिए बीजेपी नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था। वहीं, विधायक पाटिल ने कहा कि हमने एनडीए को समर्थन दिया है, लेकिन वो तभी टिप्पणी कर पाएंगे, जब खडसे आधिकारिक तौर पर बीजेपी में शामिल होंगे। इस बीच, रोहिणी खडसे ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि वो अपने पिता के साथ बीजेपी में नहीं जाएंगी और एनसीपी (शरदचंद्र पवार) के साथ बनी रहेंगी। खडसे की बहू रक्षा खडसे 2014 से रावेर से बीजेपी की लोकसभा सांसद हैं। वे इस बार भी आमचुनाव में तीसरी बार मैदान में हैं।
‘फडणवीस ने कभी खडसे का विरोध नहीं किया’
महाराष्ट्र में बीजेपी अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने रविवार को कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कभी भी एकनाथ खडसे का विरोध नहीं किया। बावनकुले ने पुणे में कहा, जब वो बीजेपी के साथ थे तो फडणवीस ने उनका बहुत सम्मान किया और मैं इसका गवाह हूं। उन्होंने कहा, हमारी पार्टी की एक केंद्रीय और राज्य समिति है जो नए लोगों की जॉइनिंग देखती है। दोनों समितियां एकनाथ खडसे के बीजेपी में शामिल होने पर निर्णय लेंगी। बावनकुले का कहना था कि जब खडसे फडणवीस कैबिनेट में मंत्री थे, तब उन्होंने हमेशा उन्हें पूरा सहयोग दिया। जब उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी तब भी उनके साथ व्यक्तिगत संबंध खराब नहीं हुए थे।
फिलहाल, खडसे के बीजेपी में आने से उत्तर महाराष्ट्र क्षेत्र में पार्टी की ताकत फिर से बढ़ने की उम्मीद है। बावनकुले ने कहा कि पार्टी ने कभी किसी को शामिल होने से मना नहीं किया। अशोक चव्हाण, अर्चना पाटिल समेत कई नेता हमारे साथ आए हैं। जो लोग हमारी पार्टी में शामिल होना चाहते हैं, उनके लिए हमारा पटका (पार्टी का प्रतीक चिह्न) तैयार है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने इस साल फरवरी में कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए थे। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल की बहू अर्चना पाटिल भी हाल ही में भाजपा में शामिल हुईं हैं।