TIO, रुद्रप्रयाग।
श्रद्धालुओं के लिए आज केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। कपाटोद्घाटन के पावन क्षण के हजारों श्रद्धालु साक्षी बनें। इस दौरान श्रद्धालाओं के उत्साह और आस्था की जो तस्वीरें सामने आईं वह यकीनन उल्लास और उमंग से भर देने वाली थीं। बाबा के सहारे श्रद्धालुओं ने चढ़ाई चढ़ी और कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं की सारी थकान मिट गई। बाबा केदार की जयकारों से धाम गूंज उठा।
केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी। आज विधि-विधान से सुबह सात बजे केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुल गए हैं। इस दौरान हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की गई। हजारों श्रद्धालुओं के जयकारों के साथ बाबा केदार की पंचमुखी डोली केदारनाथ पहुंची है।
सीएम धामी भी इस दौरान अपनी पत्नी संग मौजूद रहे और बाबा केदार का आशीर्वाद लिया। केदारनाथ धाम के कपाट आज सुबह मुहूर्त में श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए, लेकिन इससे पहले ही शासन-प्रशासन के बेहतर सुरक्षा इंतजामों के दावों की पोल खुल गई। स्थिति यह थी कि सारे अधिकारी तो हेलीकॉप्टर से धाम पहुंच गए थे और पैदल यात्री की सुध लेने वाला कोई नहीं था।
डीजीसीए की टीम ने जिस तरह से हेलीपैड का हवा हवाई निरीक्षण किया वह भी सवालों के घेरे में है। केदारघाटी के गुप्तकाशी, मैखंडा, फाटा सहित आठ स्थानों से हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन होना है, लेकिन हाईवे से लगे हेलीपैड पर यात्री व्यवस्थाओं का कोई इंतजाम नहीं है।
डीजीसीए की टीम के निरीक्षण के साथ शासन-प्रशासन और अन्य महकमों के आला अधिकारी भी हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम पहुंच गए, लेकिन पैदल मार्ग से धाम जाने वाले बाबा के भक्तों को क्या-क्या दिक्कतें हो रही रही हैं इसे सुनने व देखने वाला पूरे पैदल मार्ग पर कोई सक्षम अधिकारी नहीं मिला।
केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर सेवा हमेशा से ही सवालों के घेरे में रही है। बताया जा रहा है कि अब तक केदारनाथ यात्रा के लिए 40 हजार से अधिक यात्री हेली टिकट करवा चुके हैं, लेकिन यात्रा शुरू होने के एक दिन पहले गुप्तकाशी से सोनप्रयाग के बीच हाईवे से लगे हेलीपैड पर यात्री इंतजाम एक भी नहीं दिखे। हेलीकॉप्टर की टिकट को लेकर दिल्ली से पहुंचे सुनील सोलंकी, झारखंड के नवदीप ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा कब से शुरू होगी इसके बार में उन्हें कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
नोडल अधिकारी राहुल चौबे से संपर्क करने के बाद उनसे बातचीत नहीं हो पाई। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर छोटी लिनचौली से बड़ी लिनचौली के बीच तीन हिमखंड पसरे हैं। यहां पर रास्ते की बर्फ साफ कर दी गई है, लेकिन हिमखंड से रिस रहे पानी से कीचड़ हो रहा है। इससे यात्रियों के फिसलने का खतरा बना हुआ है। तीर्थयात्रियों को भाषा संबंधी समस्या भी नहीं आएगी। क्योंकि क्यूआर कोड में भारत की 11 भाषाओं में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।