TIO, मुंबई।
सीबीआई के बाद अब ईडी ने मुंबई एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी ने एनसीबी के तीन अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया है। वानखेड़े और दो अन्य अधिकारियों के खिलाफ एनसीबी की गई विजिलेंस जांच से पता चला कि उन्होंने कॉर्डेलिया क्रूज मामले में अभिनेता शाहरुख खान से उनके बेटे आर्यन खान की रिहाई के लिए कथित तौर पर जबरन वसूली की मांग की थी। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही समीर वानखेड़े के दो अन्य अधिकारियों, तत्कालीन अधीक्षक वीवी सिंह और खुफिया अधिकारी आशीष रंजन प्रसाद को ईडी द्वारा तलब किया जाएगा।
समीर वानखेड़े पर अभिनेता शाहरुख खान से उनके बेटे आर्यन खान को अक्टूबर 2021 के ड्रग क्रूज ड्रग्स मामले में फंसने से बचाने के लिए ?25 करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप है। इसके अलावा, उनके खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला भी चल रहा है। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीबी के कुछ अधिकारियों को ईडी के समन के बाद वानखेड़े ने इस सप्ताह की शुरूआत में बॉम्बे हाई कोर्ट में अर्जी दायर की थी। उन्होंने कोर्ट से ईडी ईसीआईआर को रद्द करने और कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने की गुहार लगाई है। इससे पहले सीबीआई के मामले में भी उन्होंने इसी तरह के आवेदन दायर किए थे। उस मामले में समीर वानखेड़े को उच्च न्यायालय द्वारा सुरक्षा प्रदान की गई है।
ईडी ने पिछले साल मई में दायर सीबीआई की एफआईआर के आधार पर कुछ दिन पहले ही भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के अधिकारी रहे वानखेड़े के खिलाफ मामला दर्ज किया था। सीबीआई पहले ही मामले में समीर वानखेड़े और अन्य आरोपी व्यक्तियों से पूछताछ कर चुकी है। पूर्व एनसीबी अधिकारी ने अपने खिलाफ आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि सीबीआई की कार्रवाई कुछ एनसीबी अधिकारियों की ओर से उनके खिलाफ बदले की भावना का परिणाम थी। आर्यन खान को मुंबई में कॉर्डेलिया क्रूज पर छापेमारी के एक दिन बाद 3 अक्टूबर, 2021 को गिरफ्तार किया गया था।
एनसीबी द्वारा गठित एक विशेष जांच दल ने पिछले साल 27 मई को आर्यन खान को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि वह किसी भी बड़े ड्रग-डीलिंग रैकेट का हिस्सा नहीं थे, जैसा कि समीर वानखेड़े ने आरोप लगाया था। एनसीबी की आंतरिक जांच में पता चला कि एजेंसी के ‘इंफॉर्मेशन नोट’ में आखिरी समय पर आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट के नाम शामिल किए गए थे। इसके अलावा, जांच में पाया गया कि समीर वानखेड़े की टीम द्वारा फोन की जब्ती के दस्तावेजीकरण और बयानों की रिकॉर्डिंग जैसी प्रक्रियाएं ठीक से नहीं की गईं। एनसीबी ने बॉम्बे हाई कोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में कहा कि समीर वानखेड़े अभिनेता शाहरुख खान के साथ अपनी चैट का उपयोग अपनी ईमानदारी के सबूत के रूप में नहीं कर सकते, क्योंकि उन्होंने इन चैट को ‘गुप्त’ रखा था।