TIO, BHOPAL

नई सोच और रोमांचक मोड़ों से भरपूर नाटक “प्यार के पुजारी” एक ऐसी कहानी है, जो समाज में प्रेम और धोखे के बीच की महीन रेखा को उजागर करती है। यह नाटक दर्शकों को प्रेम की सच्चाई और भौतिकता की अंधी दौड़ पर सोचने को मजबूर कर देता है।

नाटक की कहानी दो अमीर बहनों के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक ही युवक के प्रेम में पड़ जाती हैं। यह युवक न केवल उनका प्यार पाने का दिखावा करता है, बल्कि उनके धन और भावनाओं का भी छलपूर्वक लाभ उठाता है। दोनों बहनें प्रेम की धुंध में यह देख ही नहीं पातीं कि वे एक ही व्यक्ति के झूठे प्रेमजाल में फंसी हुई हैं। लेकिन जब सच्चाई सामने आती है, तो उनके पैरों तले जमीन खिसक जाती है।

कहानी का चरम मोड़ तब आता है जब धोखेबाज युवक अपने बचाव के लिए आत्महत्या करने का नाटक करने की कोशिश करता है, परंतु बहनें उसकी चाल को समझ जाती हैं। इस मोड़ पर नाटक एक महत्वपूर्ण संदेश देता है—अंधे प्रेम में पड़कर स्वयं को खोना सही नहीं है। यह कहानी उन लोगों के लिए एक सीख है, जो प्रेम में विवेक से अधिक भावनाओं को स्थान देते हैं।

“प्यार के पुजारी” केवल एक प्रेम-त्रिकोण नहीं, बल्कि एक ऐसी प्रस्तुति है, जो समाज को सच्चे प्रेम और लालच के बीच का अंतर सिखाने का प्रयास करती है। यह नाटक हर दर्शक को प्रेम और धोखे की हकीकत को समझने का एक अवसर देता है।

मंच पर :
दक्ष लालवानी, सुरेश पारवानी, नारी लच्छवाणी, परसो नाथानी, ऋषभ आहूजा, रोहित ज्ञानचंदानी, नैन्सी भावनानी, कीर्ति रामचंदानी ।

मंच परे :
मंच सजा और लाईट _ मुकेश जिज्ञासी

लेखक : शंकर शेष
निर्देशन : कविता ईसरानी

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER