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शासकीय बाबूलाल गौर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें देश के जाने माने विशेषज्ञों ने दैनिक भोजन में मौटे अनाजों के महत्त्व की जानकारी दी। इसमें मुंबई की प्रतिष्ठित पोषण संस्था न्यूट्रीचार्ज के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ( सीईओ ) श्री मिलिंद सरवटे ने कहा कि ज़िंदगी में संतुलित आहार और पोषण की जानकारी से सेहत तो बेहतर बनती ही है ,रोज़गार की भी अनंत संभावनाओं के द्वार भी खुलते हैं।राष्ट्रीय कार्यशाला में बड़ी संख्या में छात्र – छात्राओं ने हिस्सा लिया।
कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर संजय जैन ने श्री सरवटे का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में छात्र छात्राओं को रोज़गार परक शिक्षा से जोड़ने के तहत इस तरह के कार्यक्रम किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन और स्किल इंडिया से अधिमान्य न्यूट्रीचार्ज जैसी संस्था को शिक्षण अभियान से संबद्ध करने का लाभ महाविद्यालय के छात्रों को मिलेगा।श्री मिलिंद सरवटे ने बताया कि उनकी संस्था के प्रमाणित पाठ्यक्रमों से महाविद्यालयीन छात्र छात्राओं को फ़ायदा पहुंचेगा। इसके अलावा वे विशेषज्ञों की मदद से व्यक्तित्व का विकास कर सकेंगे और मनचाहा रोज़गार प्राप्त कर सकेंगे।
महाविद्यालय की क्लीनिकल न्यूट्रिशन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर मीता बादल ने न्यूट्रीचार्ज की वाईस प्रेसिडेंट श्रीमती मनीषा भंडारी मिश्रा का स्वागत किया। डॉक्टर बादल ने कहा कि 1950 से लगातार विश्व स्वास्थ्य दिवस के आयोजन का उद्देश्य सभी को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना है। मौजूदा साल मोटे अनाजों के महत्त्व से आम जन को परिचित कराने का साल है। इसलिए पूरे वर्ष इस सिलसिले में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे । श्रीमती मनीषा भंडारी मिश्रा ने जानकारी दी कि मौटे अनाज जैसे ज्वार ,बाजरा,कोदो,कुटकी और मक्का स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभप्रद हैं और गेंहूँ तथा चावल की तुलना में सेहतमंद भी हैं। यह अनाज ग्लूटेन फ्री होते हैं इसलिए कम हानिकारक होते हैं।
कार्यशाला में भोपाल के पोषण सलाहकार एस पी सिंह ,सुश्री अलका गंगवार ,इंदौर की पोषण विशेषज्ञ सुश्री रक्षा रावत ,डॉक्टर कीर्ति श्रीवास्तव ,श्रीमती प्रियंका विश्वकर्मा सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएँ उपस्थित थे। संचालन और आभार प्रदर्शन डॉक्टर मीता बादल ने किया।