TIO, पटना।
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने 22 महीने बाद अयोध्या में अपनी पगड़ी उतार ही दी। बुधवार सुबह उन्होंने सरयू में डुबकी लगाई। इसी वक्त उन्होंने अपनी पगड़ी भी उतार दी। उपमुख्यमंत्री सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि मैंने सरयू नदी में डुबकी लगाई। मैं पिछले 22 महीनों से मेरे पास मौजूद इस पगड़ी को भगवान श्रीराम को समर्पित कर रहा हूं। वहीं सम्राट द्वारा पगड़ी उतारते ही उनके समर्थक जय श्री राम का नारा लगाने लगे। उनके समर्थकों ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने प्रभु श्रीराम के चरणों में अपनी पगड़ी समर्पित कर दी है।
पनी मां के निधन के बाद सम्राट ने मुरेठा बांधा था
दरअसल, सितंबर 2022 को अपनी मां के निधन के बाद सम्राट ने मुरेठा बांधा था। इसके बाद एक सभा में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था कि जब तक वह नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री की कुर्सी से नहीं हटा देंगे तब तक वह पगड़ी नहीं खोलेंगे। यह बात सम्राट चौधरी ने अन्य मंचों पर भी दोहराई। उस वक्त बिहार में महागठबंधन की सरकार थी। सम्राट चौधरी लगातार सीएम नीतीश कुमार और महागठबंधन सरकार पर हमलावर रहते थे। अचानक सियासी उलटफेर हुआ और सीएम नीतीश कुमार भाजपा के साथ आ गए। इधर, महागठबंधन के नेता भी सम्राट के मुरेठा खोलने को लेकर सवाल करते आए हैं। वहीं अयोध्या जाने से पहले सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के विकास के लिए व्यक्तिगत कुछ नहीं हो सकता है। राज्य और देश के लिए व्यक्तिगत निर्णय को भी बदला जा सकता है।
राजद ने पूछा- ऐसी क्या मजबूरी है, जो संकल्प तोड़ना पड़ रहा
पगड़ी खोलने पर राजद के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने पूछा कि आखिर क्या मजबूरी है कि सम्राट चौधरी अपने संकल्प को तोड़ते हुए पगड़ी खोलनी पड़ी? ,क्या बिहार से मुख्यमंत्री के मुद्दे पर भाजपा पूरी तरह से नीतीश कुमार के सामने नतमस्तक हो चुकी है या सत्ता के लिए किसी भी तरह से से सत्ता में बने रहने का लालच भाजपा को ऐसा करने पर मजबूर कर रही है? राजद ने कहा कि भाजपा को इन मुद्दों पर जवाब देना चाहिए।