TIO, नई दिल्ली

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले ही विपक्षी इंडिया ब्लॉक में कांग्रेस एक बार फिर से अपने सहयोगियों के निशाने पर आ गई है। दो अहम सहयोगियों सपा और तृणमूल कांग्रेस ने बेहतर संभावनाओं के लिए कांग्रेस की जगह किसी अन्य सहयोगी को गठबंधन का नेतृत्व करने देने की मांग की है।

सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने कांग्रेस पर भाजपा की भाषा बोलने का आरोप लगाया और उसे केंद्र में मोदी सरकार के बने रहने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। तृणमूल सांसद कीर्ति आजाद ने कहा कि अब इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है कि इंडिया ब्लॉक का नेतृत्व कांग्रेस के पास रहना चाहिए या नहीं। इस बारे में गठबंधन के सभी सहयोगियों को सोचना होगा। भाजपा को हराने में कांग्रेस मुख्य कमजोरी बनती जा रही है।

कांग्रेस में आ गया है अहंकार
दूसरी ओर सपा के वरिष्ठ नेता यादव ने कहा कि कांग्रेस भाजपा की भाषा बोल रही है, उसमें अहंकार आ गया है। अहंकार उसे विनाश की ओर ले जा रहा है। उत्तर प्रदेश में गठबंधन के बेहतर प्रदर्शन का कारण यह था कि सपा ने कांग्रेस को कुछ उम्मीदवार दिए। कांग्रेस न तो सहयोगियों का सम्मान कर रही है और न ही गठबंधन धर्म का पालन कर रही है। ऐसे में एक बार गठबंधन का नेतृत्व बदल कर देख लेना चाहिए।

दिल्ली चुनाव ने बढ़ाई खींचतान
दिल्ली चुनाव में लोकसभा चुनाव की तरह कांग्रेस और आप में गठबंधन नहीं हो पाया। दोनों दलों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए। खासतौर से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल का एक दूसरे पर साधा गया निशाना चर्चा में रहा। इस दौरान सपा और टीएमसी आप के साथ खड़ी रही। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छा जताई थी। उन्हें सपा, राजद, राकांपा (एस), शिवसेना यूबीटी का साथ मिला।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER