नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज भी प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश नहीं होंगे। केजरीवाल ने ईडी को अपना जवाब भेज दिया है। उनकी पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ईडी की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन जांच एजेंसी का नोटिस गैर कानूनी है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश की जा रही है। उन्हें चुनाव प्रचार से रोकने की कोशिश की जा रही है। आप ने चुनाव से पहले नोटिस जारी करने पर भी सवाल उठाए हैं।

ईडी ने तीसरी बार जारी किया था नोटिस
बता दें कि दिल्ली शराब नीति में कथित घोटाला केस में ईडी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तीसरा नोटिस जारी कर 3 जनवरी को पेश होने के लिए कहा था। इससे पहले दो बार नोटिस मिलने पर भी वह ईडी के सामने पेश नहीं हुए थे। इसी क्रम को जारी रखते हुए अरविंद केजरीवाल अब तीसरी बार ईडी के सामने पेश नहीं हुए हैं।

केजरीवाल ने 2 नोटिस के दिए थे जवाब
इससे पहले भी ईडी के भेजे गए 2 समन को लेकर अरविंद केजरीवाल ने लिखित जवाब भेजकर सवाल खड़े किए थे। वह समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताते हुए पूछताछ में शामिल नहीं हुए थे। पहले केजरीवाल को दो नवंबर और 21 दिसंबर 2023 को ईडीने पेश होने के लिए समन भेजा था। लेकिन वह जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए। दूसरा समन जब दिल्ली के आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को भेजा गया तो वह पंजाब विपश्यना ध्यान के लिए चले गए थे।

अब आगे क्या कर सकती है जांच एजेंसी?
अब सवाल उठता है कि बार-बार अरविंद केजरीवाल को समन जारी कर रही ईडी के पास विकल्प है। दरअसल, तीसरे समन पर भी पेश ना होने पर दिल्ली के सीएम परेशानी में पड़ सकते हैं। वरिष्ठ वकील गीता लूथरा के मुताबिक प्रोसेस ये है कि ईडी के समन पर पेश ना होने पर जमानती वारंट, उसके बाद भी पेश ना होने पर गैर जमानती वारंट जारी होता है। उसके बाद भी पेश नहीं होने पर गिरफ्तारी का प्रावधान है।

ईडी के पास और क्या विकल्प?
सीएम केजरीवाल के पेश ना होने पर अब ईडी के अधिकारी उनके आवास पर जाकर भाी पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर गिरफ्तारी भी हो सकती है।

Shashi Kumar Keswani

Editor in Chief, THE INFORMATIVE OBSERVER