लखनऊ। मशहूर शायर मुनव्वर राना का रविवार की देर रात निधन हो गया है। दिल का दौरा पड़ने से राना की मौत हो गई। राना पिछले कई दिनों से लखनऊ के पीजीआई में भर्ती थे। मौत की खबर से देश में शोक की लहर है। शायर के परिवार में उनकी पत्नी, चार बेटियां और एक बेटा है। राना के बेटे तबरेज ने बताया कि बीमारी के कारण वह 14 से 15 दिनों तक अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें पहले लखनऊ के मेदांता और फिर एसजीपीजीआई में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने रविवार रात अंतिम सांस ली।
मां से इस तरह से लिपट जाऊं की बच्चा हो जाऊं।
मुनव्वर राना के निधन की जैसे ही यह खबर अस्पताल से बाहर आई, रात सोने के लिए बिस्तरों पर पहुंच चुके उनके चाहने वालों की नींदें उड़ गईं। इन्हीं में से एक हैं उनके हम प्याला-हम निवाला रहे वरिष्ठ पत्रकार और वरिष्ठ शायर हसन काजमी। फोन उठाते ही कहा कि ढेरों यादें हैं, सुनाकर कम से कम कुछ तो दिल का बोझ हलका होगा।
ट्रांसपोर्ट के बिजनेस से शायर बनने तक
हसन काजमी कहते हैं कि उस वक्त तो वे एक ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करने वाले थे। रायबरेली के थे, पर रहते कोलकाता में थे। वहीं पढ़े-लिखे और ट्रांसपोर्ट का बिजनेस शुरू किया। फिर रुख किया लखनऊ का, जहां उन्हें शागिर्दी मिली उस्ताद वाली आसी की। यहीं उनसे मिला मैं और कब दोस्त बन गए, पता ही नहीं चला। गुलमर्ग होटल अमीनाबाद में उन्होंने एक कमरा लिया था और शुरू हो गया महफिलों का दौर। इस बीच अखबार निकालने की एक नाकाम कोशिश भी शुरू हुई। कारोबारी नुकसान हुआ तो वे कुछ दिन के लिए फिर चले गए।