TIO, फरीदाबाद
अयोध्या राममंदिर पर हमले की साजिश रच रहे आतंकी अब्दुल रहमान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस सूत्रों ने खुलासा किया है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस खुरासान ने राम मंदिर पर हमला करने के लिए तैयार किया था। सूत्र ने बताया कि इस आतंकी संगठन ने ब्रेनवाश कर अब्दुल रहमान व अन्य को अयोध्या में मस्जिद की जगह बन रहे मंदिर को लेकर धार्मिक भावनाएं भड़काते हुए मंदिर पर हमले के लिए तैयार किया। आईएसआईएस-के पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सक्रिय है। अब्दुल बीते कई महीने से इस आतंकी संगठन के संपर्क में था। सोशल मीडिया के जरिये इससे संपर्क किया गया था। जिसके बाद इसे एक ग्रुप में शामिल किया गया।
ग्रुप में धर्म विशेष को लेकर आहत करने वाले वीडियो डाले जाते थे। ग्रुप के लोगों को अलग-अलग व्यक्तियों के कुछ रेकॉर्ड किए गए वीडियो संदेश भी भेज जाते थे। इन संदेश में अब्दुल और इसके जैसे अन्य युवाओं को कहा जाता था कि तुम्हारे ऊपर अयोध्या में जुल्म हुआ है और अब तुम्हे इसका बदला लेना है। इसी तरह इन्हें हमले के लिए तैयार किया गया।
पुलिस के अनुसार, इस आतंकी संगठन के कहने पर ही अब्दुल ने राम मंदिर और उसके आस-पास की रेकी कर वहां की वीडियो बनाई। कई सारी वीडियो इसने आतंकी संगठन के साथ साझा भी की थी। इसके पास से मिले मोबाइल से भी इस तरह की वीडियो बरामद होने की बात कही जा रही है। रेकी होने के बाद हमले की तैयारी चल रही थी।
लगातार अपने साथियों के संपर्क में था आतंकी अब्दुल
बांस रोड पाली से पकड़े गए आतंकी अब्दुल रहमान (19) की गिरफ्तारी के बाद फरीदाबाद पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी को अपने आतंकी साथियों व संगठन की ओर से लगातार मैसेज आ रहे थे। इसके तहत वो हैंड ग्रेनेड लेकर कहीं से आया और फरीदाबाद होते हुए वो आगे जाने वाला था। लेकिन यहां आने के बाद उसका अपने साथी आतंकियों से संपर्क नहीं हो पा रहा था। इसी के चलते वो बांस रोड पाली पर एक सुनसान खाली जगह में बने टिनशेड के बरामदे में जाकर रात को रुक जाता था। दिनभर वो आस-पास के एरिया में हैंड ग्रेनेड के बैग लेकर घूमता रहता।
एटीएस गुजरात ने आईबी (इंटेलिजेंस ब्यूरो) के सहयोग से आतंकी की डिटेल जुटाई और उसकी फोटो एसटीएफ को साझा की। रविवार 2 फरवरी को एटीएस व आईबी की टीम को पता चला कि आतंकी की लोकेशन फरीदाबाद के पाली एरिया में है तो वे टीमें भी यहां पहुंची। फिर तीनों सुरक्षा एजेंसियों की टीम ने मिलकर आरोपी को काबू किया। ये शरीर से भी काफी दुबला-पतला है और लंबाई भी अधिक नहीं है। लेकिन आरोपी से हुई शुरूआती पूछताछ से साफ है कि इसका ब्रेनवॉश किया गया है। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि इसके बैग में दो हैंड ग्रेनेड हैं तो एक बार को जांच एजेंसियों के भी होश उड़ गए। तुरंत बम निरोधक दस्ते को मौके पर बुलाया गया और उन्होंने दोनों हैंड ग्रेनेड को निष्क्रिय किया।
इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर
पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि एसटीएफ इंस्पेक्टर के बयान पर फरीदाबाद के डबुआ थाने में आतंकी के खिलाफ 25 (1)(ए) आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4 (ए), 4(बी), 5 के साथ ही विस्फोटक अधिनियम 1884 की धारा 9बी(1)(बी) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आतंकी को 10 दिन के रिमांड पर लेकर जांच एजेंसी यहां से चली गई हैं।
हैंड ग्रेनेड लेने के बाद अगले आदेश के आने का इंतजार कर रहा था
हमले के लिए हैंड ग्रेनेड लेने के लिए भेजा गया था। हैंड ग्रेनेड लेने के बाद अब ये आतंकी संगठन के अगले आदेश के आने का इंतजार कर रहा था। लेकिन उससे पहले ही आईबी, गुजरात एटीएस को इसकी जानकारी मिली। उन्होंने अपने सूत्रों से आतंकी की फोटो भी अरेंज कर ली। जिसके बाद जानकारी को पलवल एसटीएफ से साझा कर रविवार को सभी टीमों ने मिलकर आतंकी को फरीदाबाद के बांस रोड पाली से गिरफ्तार कर लिया। एसटीएफ के अधिकारी ने बताया कि पुलिस की संयुक्त टीम को यूपी फैजाबाद में आतंकी के घर की तलाशी के लिए भेजा गया है। ताकि घर से भी सबूत इकट्ठे किए जा सकें। पलवल एसटीएफ यूनिट से आतंकी को शुरूआती पूछताछ के बाद फैजाबाद ले जाने का प्लान है।
विशाखापत्तनम में रहा आतंकी, गुजरात एसटीएफ ने परिजनों से पूछताछ की
हरियाणा के पलवल में हैंड ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार आतंकी अब्दुल रहमान छह माह पहले दिल्ली होते हुए विशाखापत्तनम गया था। वहां लगभग चार माह तक वह धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। गिरफ्तारी की सूचना के बाद उसके गांव थाना इनायतनगर के मंजनाई के ग्रामीण भी हतप्रभ हैं। सोमवार को गुजरात एसटीएफ ने आरोपी के परिजन से भी पूछताछ की है। कुछ समय पूर्व वह फैजाबाद में पुरानी सब्जी मंडी निवासी मौलाना उस्मान हजरत के संपर्क में रहा है। वह विशाखापत्तनम से करीब दो महीने पहले लौटा था। मां यास्मीन ने बताया कि अब्दुल ई-रिक्शा चलाता था। उसे बचपन से ही दिल की बीमारी थी। उसका अहमदाबाद में आॅपरेशन हुआ था। उसके पिता अबु बकर पहले सूरत में रहते थे।